सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का दिखने लगा असर, जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर
केके यादव के साथ हुई बैठक निकली बेनतीजा यूनियन ने कहा हड़ताल रहेगी जारी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सफाई कर्मचारी यूनियन और गारबेज कलेक्टर्स की हड़ताल के कारण शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है। डस्टबिन और सहज सफाई केंद्र पूरी तरह से फुल हो गए हैं। लोगों के घरों के अंदर रखे डस्टबिन भी भर गए हैं। दो दिन से डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर्स ने रेजिडेंट्स के घरों से कचरा नहीं उठाया है। अभी इस स्थिति से शहरवासियों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि कर्मचारी यूनियन की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। शनिवार को सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों की मांगों पर कमिश्नर केके यादव के साथ बैठक हुई लेकिन विफल रही। बैठक में कर्मचारियों ने जो स्मार्ट वाच पहनना अनिवार्य किया गया है, उस फैसले को वापस लिया जाए, लेकिन कमिश्नर ने कहा कि यह फैसला वह वापस नहीं ले सकते। क्योंकि इस फैसले को सदन की बैठक में ही खारिज किया जा सकता है। बैठक में कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कृष्ण चड्ढा की कमिश्नर केके यादव के साथ बहस भी हुई। कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कमिश्नर को कहा कि अगर यहां पर पंजाब के नियम लागू होते हैं तो चंडीगढ़ में वहां की तर्ज पर कर्मचारी के मरने पर उनके घर में किसी सदस्य को नौकरी क्यों नहीं दी जाती। सोमवार को प्रदर्शन में आकर कर्मचारियों को मांगें पूरी करने का आश्वासन दे दें तो वह हड़ताल खत्म कर देंगे। लेकिन कमिश्नर ने अभी फिलहाल धरने पर आने से मना कर दिया है। शिकायतों की तादाद बढ़ी
दो दिन से शहर में सफाई नहीं हो रही है। इसके साथ ही लोगों के घरों में कचरा न उठने से शिकायतें काफी बढ़ गई हैं। अब लोग हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने के अलावा मेयर, पार्षदों और अधिकारियों को भी फोन कर रहे हैं। मालूम हो कि शहर में प्रतिदिन 500 टन कचरा निकलता है, जोकि दो दिन से नहीं उठ रहा है। डस्टबिन और सहज सफाई केंद्रों में कचरे के ढ़ेर लगने से दुर्गध आनी भी शुरू हो गई है। स्वच्छता एप पर भी ऑनलाइन शिकायतें पहुंच रही हैं। जिस पर 24 घंटे में शिकायत दूर होने का दावा किया जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। सफाई कर्मचारियों की इस हड़ताल का स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 पर भी असर पड़ सकता है। सर्वेक्षण में शिकायत दूर न होने पर फीडबैक में अंक कम हो जाते हैं। सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कृष्ण चड्ढा का कहना है कि उनकी हड़ताल जारी रहेगी। जब तक कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होती, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। स्मार्ट घड़ियां पहनाकर कर्मचारियों को बंधक मजदूर बनाया जा रहा है।