साल दर साल बिगड़ती जा रही चंडीगढ़ियों की सेहत, सच्चाई बयां कर रही स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट
हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि एक साल में लगभग एक लाख से ज्यादा नए मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
चंडीगढ़ [वीणा तिवारी]। सिटी ब्यूटीफुल में मरीजों की संख्या दिनों-दिन तेजी से बढ़ रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि एक साल में लगभग एक लाख से ज्यादा नए मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। गौर करने की बात यह है कि इसमें हर एज ग्रुप के लोग शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सेहत को लेकर लापरवाह रवैया ही लोगों को बीमारियों की चपेट में ला रहा है।
तीन साल में एक लाख से ज्यादा बढ़ गए मरीज
सेक्टर 16 स्थित डायरेक्टर मेडिकल हेल्थ ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार 2016 में ओपीडी के कुल मरीजों की संख्या 974043 थी। जो साल 2017 में बढ़कर 1009571 पहुंच गई। इसी प्रकार साल 2018 में यह आंकड़े 1091747 तक पहुंच गए हैं।
खान-पान में लापरवाही पड़ रही भारी
आज के दौर में बेहद भागदौड़ भरी जिंदगी में खान-पान के मामले में की जा रही लापरवाही लोगों को महंगी पड़ रही है। गवर्नमेंट मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल सेक्टर 16 की डायटिशियन मनीषा अरोड़ा का कहना है कि मनुष्य शरीर पर खान-पान का साइकोलॉजिकल इफेक्ट पड़ता है। इसलिए कुछ भी खाने की आदत को सुधारना होगा। खाने में संतुलित और पौषक तत्व युक्त आहार को शामिल करना होगा। वर्ल्ड हेल्थ डे के एक दिन पहले शनिवार को पीजीआइ में इस साल की थीम यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज एवरी वन, एवरी वेयर पर कार्यक्रम हुआ। चीफ गेस्ट पीजीआइ के डीन प्रो. अरविंद राजवंशी ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए आयुष्मान भारत के महत्व को बताया।
गंभीर बीमारियों से बचाएगा योगः
गंभीर बीमारियों के इलाज के साथ ही खुद को स्वस्थ रखने के लिए योग एक बेहतर माध्यम साबित हो सकता है। पतंजलि योगपीठ के डॉ. जयदीप ने बताया कि हर दिन महज कुछ देर योग करके फिट रहा जा सकता है। उन्होंने मोटापा और क्रॉनिक डिजीज से बचाव में योग का परिणाम बेहद संतोषजनक बताया।
मोटापा बढ़ा रहा मर्ज
बढ़ता वजन बीमारियों को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। मोटापा से डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है। डायबिटीज से कई अन्य गंभीर बामारियां होने का खतरा बढ़ रहा है। पीजीआइ इंडोक्राइनोलॉजी के डॉ. अनिल बंसल ने बताया कि हालिया सर्वे के अनुसार चंडीगढ़ में हर सातवां व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है।
बेहतर हेल्थ फैसेलिटी देने व फ्रेंडली बिहैवियर पर ध्यान दिया जा रहा है। पेशेंट सेटीस्फेक्शन रेट जो केवल 65 से 70 प्रतिशत है, उसे एक साल में 90 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। -डॉ. दीवान, डायरेक्टर हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर