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एक्ट की दुहाई देते हुए विभाग 40 मिनट और बढ़ा रहा है टीचर्स का टाइम

शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली राइट टू एजुकेशन एक्ट के मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। विभाग एक्ट की दुहाई देते हुए टीचर्स का समय 40 मिनट बढ़ा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 11:17 AM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 11:17 AM (IST)
एक्ट की दुहाई देते हुए विभाग 40 मिनट और बढ़ा रहा है टीचर्स का टाइम
एक्ट की दुहाई देते हुए विभाग 40 मिनट और बढ़ा रहा है टीचर्स का टाइम

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली राइट टू एजुकेशन एक्ट के मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। विभाग एक्ट की दुहाई देते हुए टीचर्स का समय 40 मिनट बढ़ा रहा है। जबकि ऐसा करना सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है। यह आरोप बुधवार को टीचर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने शिक्षा विभाग पर लगाए। मामले को लेकर अब पांच सितंबर को शिक्षकों की ओर से ब्लैक डे मनाने का निर्णय लिया गया है। उनकी मांग है कि आरटीई एक्ट के अनुसार टाइम बढ़ाने के साथ टीचर्स को छुट्टियों का लाभ भी मिले।

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कमेटी के चेयरमैन सविंदर सिंह ने कहा कि राइट टू एजुकेशन के तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर्स को साल में दौ सौ दिन लगाने हैं और इन दिनों में 800 घंटे बच्चों को पढ़ाना है। जबकि छठी से आठवीं तक के बच्चे को 220 दिन पढ़ाना है और उसके लिए 1000 घंटे की पढ़ाई कराना अनिवार्य है। इसके अलावा टीचर्स को 70 से 72 छुट्टियां मिलना अनिवार्य है।

चंडीगढ़ के स्कूलों में बच्चों को 245 दिन पढ़ाने की अनिवार्यता है, क्योंकि इन्हें मात्र 40 दिन की छुट्टियां ही दी जा रही है। डबल शिफ्ट वाले वाले स्कूलों में पांचवीं कक्षा के बच्चों को टीचर्स 1543 घंटे पढ़ा रहे हैं। जबकि छठीं से आठवीं कक्षा के बच्चों को 1568 घंटे दे रहे हैं। इसी प्रकार से सिंगल शिफ्ट के बच्चों को 1568 घंटे पढ़ाया जा रहा है। सिंगल शिफ्ट में पहली से बारहवीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स शामिल होते हैं।

दूसरे राज्यों में नियम कुछ और

राइट टू एजुकेशन एक्ट को देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी लागू किया गया है, लेकिन उनके नियमों और चंडीगढ़ के नियमों में फर्क है। खासकर स्कूल टाइमिंग और छुट्टियों को लेकर। विभिन्न राज्यों का स्कूल शेड्यूल- दिल्ली के स्कूलों की टाइमिंग

डबल शिफ्ट वाले स्कूल :

- मोर्निग शिफ्ट में 6वीं से 12वीं कक्षा तक - 7.15 से 12.45 बजे तक

- इवनिंग शिफ्ट में पहली से पांचवी कक्षा तक -12.30 से 6.30 बजे तक

- सिंगल शिफ्ट वाले स्कूलों में 8 से 2.30 बजे तक

समर केकेशन-10 मई से 30 जून तक

विंटर वेकेशन-25 दिसंबर से 15 जनवरी तक (कुल छुट्टियां-70 दिन) पंजाब का समय

- आठ बजे से 2 बजे तक

- समर वेकेशन- एक से 30 जून तक

- विंटर वेकेशन- 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक (कुल छुट्टियां-40 दिन) हिमाचल प्रदेश का समय

- सुबह 9 से 3 बजे तक

- समर वेकेशन-25 जून से 30 जुलाई तक

विंटर वेकेशन एक जनवरी से 6 फरवरी तक (कुल छुट्टियां-70 दिन) राजस्थान का समय

- सुबह 8 से 2.10 बजे तक

- समर वेकेशन-10 मई से 18 जून तक

विंटर वेकेशन-25 दिसंबर से 7 जनवरी तक (कुल छुट्टियां-50 दिन)

केंद्रीय विद्यालय की टाइमिंग

- सुबह 8 से 2.10 मिनट तक

- समर वेकेशन- 2 मई से 20 जून तक

- फेस्टीवल सीजन-13 अक्तूबर से 22 अक्तूबर तक

- विंटर वेकेशन-23 दिसंबर से एक जनवरी तक (कुल छुट्टियां-70 दिन) चंडीगढ़ की टाइमिंग

सुबह की शिफ्ट- 7 बजे से 1:40 बजे तक

इवनिंग शिफ्ट- 10.30 से पांच बजे तक

-सिंगल शिफ्ट- सुबह 7.50 बजे से 2:30 बजे तक

-समर वेकेशन- एक से 30 जून तक

- विंटर वेकेशन 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक (कुल छुट्टियां-40 दिन) स्टूडेंट्स-टीचर रेशियो की समस्या सबसे बड़ी

राइट टू एजुकेशन एक्ट के अनुसार पांचवी कक्षा तक एक सेशन में 30 स्टूडेंट्स और छठी से आठवीं कक्षा तक 35 स्टूडेंट्स होते हैं। जबकि चंडीगढ़ के स्लम एरिया के स्कूलों में सेक्शन में बच्चों का रेशियो 80 से 85 तक है। ऐसे में शिक्षण कार्य का बेहतर तरीके से संचालन शिक्षकों के लिए निश्चित रूप से चुनौती है।


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