लोकगीत और बॉलीवुड के गीतों से गूंजा टैगोर थिएटर
नोर्थ जोन कल्चर सेंटर पटियाला की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम टैगोर थिएटर में आयोजित हुआ।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मैया खोल न केवडि़या, बड़ी देर से खड़ी के भजन से पूरा टैगोर थिएटर गूंज उठा। मौका था नोर्थ जोन कल्चर सेंटर पटियाला की तरफ से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का। इसमें मुख्य तौर पर बॉलीवुड सिंगर और लोक गायिका मालिनी अवस्थी मौजूद रहीं। कार्यक्रम का आरंभ मालिनी ने भजन से किया। इसके बाद मालिनी ने एक के बाद एक शानदार लोकगीत और बॉलीवुड के गीतों को पेश किया। इस मौके पर काहे करे गुमान गौरी सावन में, केसरिया बालम मोरे, बड़ी हसीन है, शाम कोई साज न छेड़े जैसे गीतों को पेश किया। पैर फ्रेक्चर के बाद नहीं टूटा हौसला
मालिनी का एक महीना पहले पैर टूट गया था जिसके बाद मालिनी का टैगोर थिएटर में पहला कार्यक्रम था। मालिनी हर प्रोग्राम की तरह डांस नहीं कर पा रही थी, लेकिन एक जगह बैठकर क्लासिकल म्यूजिक के साथ भी सभी को बांधकर रखा।
समय बदला, लेकिन गुरदास मान का कोई सानी नहीं
इस मौके पर बोलते हुए मालिनी ने कहा कि मुझे पंजाब के सूफी गायक बहुत पसंद है, उसमें मास्टर सलीम और वडाली ब्रदर्स मुख्य है लेकिन मेरा सबसे ज्यादा पसंदीदा गुरदास मान रहा है। समय बदल गया है। हर कोई उसके साथ बदल रहा है, लेकिन इसके बाद भी गुरदास मान की गायिकी जैसी पहले थी वैसे ही आज है। जिन डूबिया तिन पाइया
मालिनी ने आधुनिक संगीत और गुरु शिष्या परंपरा के बारे में बोलते हुए कहा कि गुरु का कहना है जिन डूबिया तिन पाइया। जो व्यक्ति अपने काम में डूबता नहीं है, वह कभी भी सफल नहीं हो सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि काम को सीखना पड़ता है। उन्होंने दलेर मेहदी का उदाहरण देते हुए कहा कि दलेर ने बहुत मेहनत की है। चार साल तक गुरुद्वारे का खाना खाकर और वहीं रहकर उसने आज मुकाम पाया है।