कोर्ट पहुंचा केस तो खुद ही पैसे देने दौड़े-दौड़े पहुंचे दारा ग्रुप बिल्डर्स
घर नहीं है उनको बैंक से सस्ती दरों पर लोन दिलाने की सरकार की स्कीम है।
राजन सैनी, चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लोगों के पास अपने घर नहीं है, उनको बैंक से सस्ती दरों पर लोन दिलाने की सरकार की स्कीम है। इसी स्कीम के तहत चंडीगढ़ की किरायेदार वेलफेयर फाउंडेशन ने लोगों को अपना घर का सपना पूरा करने का झांसा दिया। डड्डूमाजरा कॉलोनी निवासी ममता भी इस जाल में फंस गई और एक लाख 20 हजार रुपये जमा करवा दिए। लेकिन जब बाद में ममता ने पैसे वापस मांगे तो दारा बिल्डटेक कंपनी ने पैसे देने से इन्कार कर दिया। लेकिन जब ममता ने जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया तो दारा बिल्डर्स खुद ही डर के मारे पैसे देने के लिए पहुंच गए। ममता ने पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने की शिकायत कोर्ट में दी थी। इसके बाद कोर्ट ने सेक्टर-39 थाना पुलिस स्टेशन से मामले की स्टेटस रिपोर्ट मंगवाई जिसमें पुलिस ने बताया कि दारा ग्रुप और ममता का तो पहले ही पुलिस स्टेशन में समझौता हो गया था और उन्होंने खुद ही कहा था कि वह दारा ग्रुप पर केस नहीं करना चाहती। दरअसल ममता ने दारा ग्रुप को नौ लाख 25 हजार रुपये की कीमत वाले फ्लैट के लिए एडवांस एक लाख 20 हजार रुपये दिए थे लेकिन बाद में पुलिस स्टेशन जाकर एक लाख रुपये में समझौता कर लिया था। दारा ग्रुप ने इन एक लाख रुपये में से 65 हजार रुपये तो लौटा दिए लेकिन 35 हजार रुपये नहीं लौटाए थे। सस्ती दरों पर लोन दिलाने का दिया था भरोसा
ममता ने अपनी शिकायत में बताया कि वह एक फ्लैट खरीदना चाहती थी। किरायेदार वेलफेयर फाउंडेशन ने फ्लैट दिलाने के लिए बैंक से सस्ती दर पर लोन दिलाने की बात कही थी। फाउंडेशन ममता को दारा बिल्डटेक एंड डेवलपर्स के मोहाली स्थित ऑफिस में लेकर गए और उनके प्रोजेक्ट में एक फ्लैट दिलवाने की बात कही। आठ मई, 2017 को ममता ने इस प्रोजेक्ट में एक टू बीएचके फ्लैट लेने के लिए 11 हजार रुपये पहले एडवांस दिए। कुछ दिनों बाद एक लाख नौ हजार रुपये और दे दिए। ऐसे ही दारा बिल्डटेक ने फ्लैट के लिए और भी लोगों से पैसे लिए हुए थे। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद जब फ्लैट का पजेशन नहीं मिला तो ममता कुछ लोगों के साथ साइट पर गई तो देखा वहां पर कोई कंस्ट्रक्शन ही नहीं हो रही थी। आसपास के लोगों ने बताया कि यह जमीन दारा कंपनी की है ही नहीं। इसके बाद जब ममता ने अपने पैसे वापस मांगे तो दारा बिल्डटेक ने उन्हें धमकाते हुए पैसे वापस करने से मना कर दिया। इसके बाद ममता ने सेक्टर-39 थाना पुलिस को शिकायत दी। बाकी के 35 हजार नहीं लौटाए
पुलिस स्टेशन में दोनों पक्षों का एक लाख रुपये वापस करने पर समझौता हो गया। दारा बिल्डटेक ने ममता को एक लाख रुपये में से 65 हजार दे दिए। लेकिन बाकी के 35 हजार रुपये नहीं लौटाए। जिस पर ममता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जैसे ही मामला कोर्ट में पहुंचा तो दारा बिल्डटेक एंड डेवलपर्स ने सभी बकाया पैसे ममता को वापस लौटा दिए।