Move to Jagran APP

आंखें खुली तो सब पडे़ थे खून से लहूलुहान, हर तरफ से आ रहीं थी चीखें

अंबाला नेशनल हाईवे पर शुक्रवार देर रात हुए हादसे का मंजर याद कर घायल अब भी सिहर उठते हैं। चंडीगढ़ से वृंदावन घूमने जा रहे लोगों की दो गाड़ियों को एक वोल्वो बस ने टक्कर मार दी थी।

By Edited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 06:18 AM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 10:13 AM (IST)
आंखें खुली तो सब पडे़ थे खून से लहूलुहान, हर तरफ से आ रहीं थी चीखें
आंखें खुली तो सब पडे़ थे खून से लहूलुहान, हर तरफ से आ रहीं थी चीखें

राजन सैनी, चंडीगढ़ : अंबाला नेशनल हाईवे पर शुक्रवार देर रात हुए हादसे का मंजर याद कर घायल अब भी सिहर उठते हैं। चंडीगढ़ से वृंदावन घूमने जा रहे लोगों की दो गाड़ियों को एक वोल्वो बस ने टक्कर मार दी थी, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं, 11 लोग घायल हो गए थे। संगीता व नेहा को छुट्टी मिल चुकी है और 8 का चंडीगढ़ व एक अन्य महिला का अंबाला में इलाज चल रहा है। 28 दिसंबर को हुए हादसे की चश्मदीद बापूधाम कॉलोनी निवासी और कांग्रेस नेता व पूर्व पार्षद रहे नरेश कुमार की पत्नी संगीता अब भी सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि गाड़ी के साथ बस की टक्कर होते ही ऐसा लगा कि मानो बम फट गया हो। हर तरफ चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। ऐसा लगा कि अंतिम समय आ गया। उम्मीद नहीं थी कि जिंदा बच जाउंगी पर परमात्मा ने बचा लिया।

loksabha election banner

दो गाड़ियों में निकले थे वृंदावन के लिए

संगीता बोलीं कि वृंदावन जाने के लिए हमने दो टवेरा गाड़ियां किराये पर की थी। रात को 11 बजे हम बापूधाम से गाड़ियों में बैठकर सेक्टर-30 निवासी कपूर परिवार के चार सदस्यों को लेने गए। चारों के अपने साथ गाड़ी में बैठाने के बाद रात को करीब हम 12 बजे सेक्टर-30 से वृंदावन जाने के लिए निकल पड़े। हमारी गाड़ी को सुरेश चला रहा था। गाड़ी में ड्राइवर की साथ वाली सीट पर नेहा बैठी थी और बीच वाली सीटों पर मैं, रजनी, अंजली बैठे थे। सबसे पीछे वाली सीटों पर कोमल, सुनीता, सुनीता के दोनों बेटे और बुजुर्ग अंजू बैठी हुई थी। बाकी सब दूसरे ड्राइवर मनोज की गाड़ी में बैठे हुए थे। बताया कि हमारी गाड़ी मनोज की गाड़ी से काफी आगे आ चुकी थी। तभी रात को 12:30 बजे ड्राइवर सुरेश को मनोज का फोन आया कि मेरी गाड़ी में कोई समस्या आ गई है और मुझे मदद चाहिए, वापस आ जाओ। सुरेश ने गाड़ी को घुमाया और हम सब जहां हादसा हुआ, वहां रात को 1 बजे पहुंच गए। सुरेश ने गाड़ी को घुमाकर मनोज की गाड़ी के पीछे खड़ी कर दी।

पति को फोन कर बताया कि गाड़ी हो गई है

खराब संगीता के अनुसार जहां पर गाड़ी खड़ी की गई, वहां काफी अंधेरा था। कोई लाइट नहीं थी और इलाका भी सुनसान था। पति नरेश को रात फोन कर जानकारी दी कि गाड़ी खराब हो गई है। नरेश से 10 मिनट बात हुई और नरेश ने कहा कि गाड़ी को साइड में लगवा लो।

रात करीब 1:30 बजे गाड़ियों को बस ने मारी टक्कर

संगीता ने बताया कि हमने ड्राइवर से कहा कि धक्का मारकर गाड़ी को साइड में कर लेते हैं, लेकिन ड्राइवर मनोज ने कहा कि हम गाड़ी को ठीक कर लेंगे, आप बैठे रहो। दोनों ड्राइवर मनोज की गाड़ी का बोनट खोलकर उसे ठीक कर रहे थे। बात करीब रात के 1:30 बजे की है, जब सबसे पहले हमारी गाड़ी को पीछे से एक बस ने टक्कर मारी और हमारी गाड़ी कच्चे रास्ते में आ गई। इसके बाद उस बस ने आगे खड़ी गाड़ी को टक्कर मारी और गाड़ी को घसीटते हुए ले गई और वहां से चली गई। आगे वाली गाड़ी के लोग गाड़ी से बाहर हवा में उड़ते हुए नीचे गिरे। मेरी आंखें बंद हो रही थी। आंखें खुली तो हर कोई घायल पड़ा था और चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। लगा कि अंतिम समय आ गया है हम सभी गाड़ी की सीटों में फंसे हुए थे। सभी को मुंह और शरीर के अन्य भागों पर चोटें लगी थी। ऐसा लग रहा था कि मानो अंतिम समय आ गया है। मैं अपने बच्चों को याद करने लगी। तभी पास के पेट्रोल पंप से लोग आए और पुलिस को फोन कर हादसे की सूचना दी। उन लोगों ने ही हम सबको सीटों के बीच में निकाला। इसके बाद उन्होंने दूसरी गाड़ी को देखा। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं नहीं बचूंगी, पर परमात्मा ने मुझे बचा लिया। गाड़ी से निकाले जाने के 10 से 15 मिनट बाद ही पुलिस पहुंच गई और हमें अंबाला के सिविल अस्पताल ले गई।

संगीता के पति को रात 2 बजे आया फोन

संगीता के पति नरेश ने बताया कि मुझे नेहा के पति का 2 बजे फोन आया और हादसे के बारे में बताया। हम दोनों अपने दोस्तों के साथ तभी घटनास्थल पर जाने के लिए निकल पड़े। दिल घबरा रहा था कि पता नहीं सब कैसे होंगे। अंबाला अस्पताल पंहुचे तो वहां से सभी को चंडीगढ़-32 अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। संगीता और नेहा को छोड़कर सभी अस्पताल में हैं भर्ती

बता दें कि हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, वहीं बाकी सब अभी भी जख्मी अवस्था में हैं। संगीता और नेहा को चोटें कम लगने की वजह से अस्पताल से इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है, तो वहीं गंभीर रूप से घायल रजनी, सुनीता, रिषभ, कोमल, अंजू, प्रीति, नीरू और अंजलि निवासी बापूधाम का अभी भी सेक्टर-32 अस्पताल में इलाज चल रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.