आतंकियों ने गाड़ी पर फर्जी नंबर का किया था इस्तेमाल, यहां मिली असली कार Chandigarh News
असली कार जगतार सिंह के नाम पर है और वह इसका तीसरा मालिक है। अब सवाल खड़े हो गए हैं कि जो कार आतंकियों से बरामद हुई है आखिर वह कार किसकी है।
मोहाली, [संदीप कुमार]। तरनतारन के गांव चोहला साहिब से चार आतंकियों की गिरफ्तारी के समय बरामद की गई मोहाली नंबर की स्विफ्ट कार पर आतंकी फर्जी नंबर लगाकर घूम रहे थे। सही नंबर पीबी-65-एक्स-8042 वाली कार चंडीगढ़ के धनास में खड़ी है। कार जगतार सिंह के नाम पर है और वह इस कार का तीसरा मालिक है। अब यह सवाल खड़े हो गए हैं कि जो कार आतंकियों से बरामद हुई है आखिर वह कार किसकी है और कहां रजिस्टर्ड हुई है। पुलिस अभी इस मामले से पर्दा नहीं उठा पाई है।
दैनिक जागरण की ओर से की गई पड़ताल में यह सारा मामला सामने आया। पड़ताल में यह बात सामने आई कि यह स्विफ्ट कार फरवरी 2014 में ईएलपी निशिकावा कंपनी ने 32 केएम चंडीगढ़-अंबाला हाईवे लालडू के एड्रेस पर खरीदी थी। इस एचडीएफसी बैंक से फाइनांस करवाया गया था। वहीं 5 सितंबर 2017 को यह कार इसी कंपनी में काम करने वाले सोहाना निवासी शमशेर सिंह ने खरीद ली। 2 जुलाई 2019 तक यह कार शमशेर के पास थी।
दैनिक जागरण की टीम सोहाना स्थित शमशेर सिंह के घर पहुंची तो शमशेर सिंह ने बताया कि वह उक्त कंपनी में एडमिन डिपार्टमेंट में जॉब करते हैं। चार महीने पहले उन्होंने ओएलएक्स में गाड़ी को बेचने की विज्ञापन दिया था। जिसके बाद चमकौर साहिब क्षेत्र के मनप्रीत नाम के एक कार डीलर उनसे यह कार 3 लाख 70 हजार रुपये में खरीद ली थी। कार डीलर ने इसे आगे जगतार सिंह निवासी धनास चंडीगढ़ को बेच दिया। इसके बाद जगतार सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी कार उनके घर पर खड़ी है। दैनिक जागरण की टीम जब जगतार सिंह के घर पहुंची तो कार उनके घर पर ही खड़ी थी।
तीसरा मालिक जगतार रहता है धनास में, आरसी में पता दर्ज है गांव धनोरा का
स्विफ्ट कार तीसरा मालिक जगतार सिंह इस समय धनास चंडीगढ़ में रहता है जबकि कार की आरसी पर गांव धनोरा मुल्लांपुर गरीबदास का पता दर्ज है। जगतार सिंह ने बताया कि कुछ साल पहले तक पह गांव धनोरा में रहता था और कार की आरसी भी उसी पते पर बनी है।
रजिस्ट्रेशन इन्क्वायरी पर फतेहगढ़ साहिब के युवक का नंबर, आरटीए की कार्यप्रणाली पर सवाल
दैनिक जागरण की पड़ताल में सामने आया कि कार जगतार सिंह के पर रजिस्टर्ड है। परंतु आरटीए कार्यालय में जगतार सिंह का कोई वोटर कार्ड या आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन इन्क्वायरी में शामिल ही नहीं है। इस कॉलम को खाली छोड़ दिया गया। जबकि इसमें जो मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है वह फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले युवक गुरदीप सिंह का है। जब गुरदीप से फोन पर संपर्क किया गया तो उसने बताया कि वह किसी जगतार को नहीं जानता। जब उसे पूरे मामले की जानकारी दी गई तो वो डर गया। गुरदीप ने कहा कि वह एक आइटी कंपनी में काम करता है। उसका नंबर आरटीए कार्यालय में कैसे रजिस्टर्ड हुआ वह नहीं जानता। वह इस मामले में पुलिस को शिकायत करेगा। अब इस मामले को लेकर आरटीए कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मामला मेरे ध्यान में नहीं है। मुझे तो अब इसकी जानकारी हो रही है। मामले को गंभीरता से जाचा जाएगा। मोटर व्हीकल एक्ट-55 के तहत मामला दर्ज कर आरसी को कैंसिल किया जाएगा।
-सुखविंदर कुमार, आरटीओ, मोहाली
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