चंडीगढ़ की युवती से हैदराबाद में डेढ़ माह तक करता रहा दुष्कर्म, अब मिली एेसी सजा
हैदराबाद ले जाकर चंडीगढ़ की युवती से दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने दोषी को दस साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। चंडीगढ़ से युवती के अपहरण करने के बाद उसे हैदराबाद ले जाने और फिर वहां उससे दुष्कर्म करने के मामले में जिला अदालत ने दोषी नसीम (19) को दस साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं, इस केस में शामिल दूसरे आरोपित अरुण कुमार को कोर्ट ने बरी कर दिया है। अरुण पर आरोप थे कि वह पीडि़ता को जबरदस्ती हैदराबाद लेकर गया। जहां उसने लड़की को नसीम से मिलवाया। आरोप थे कि अरुण ने भी पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया था। जिसके बाद केस में सामूहिक दुष्कर्म की धारा जोड़ी गई थी। हालांकि अरुण पर लगे आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो सके।
पीड़िता के वकील सजल शर्मा ने बताया कि दोषी नसीम ने कई दिनों तक पीड़िता को अपने घर रखा था और जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता के भाई की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। पीड़िता के भाई ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 4 सितंबर 2017 को उसकी बहन घर से घूमने के लिए निकली थी। उन्हें पता लगा कि वह सेक्टर-17 बस स्टैंड गई थी, लेकिन वापस घर नहीं आई। पीड़िता के भाई ने शिकायत में कहा कि उसे कोई अज्ञात व्यक्ति अपने साथ ले गया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
लगभग 45 दिनों बाद जब लड़की अपने घर लौट आई तो उसने घरवालों को सारी कहानी बयां की। लड़की ने बताया कि अरुण कुमार उसे सेक्टर-17 से जबरदस्ती अपने साथ ले गया। उसके बाद वह पीडि़ता को ट्रेन से दिल्ली ले गया। जहां से वे हैदराबाद चले गए। अरुण ने उसे धमकी दी कि अगर वह उसके साथ नहीं गई तो वह उसके परिवार को जान से मार देगा।
अरुण व लड़की हैदराबाद में नसीम से मिले। इसके बाद उन दोनों नसीम व अरुण ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता जब घर लौटी तो उसने पुलिस में अरुण और नसीम के खिलाफ शिकायत दी। इस पर दोनों पर केस दर्ज कर दिया गया। इन दोनों के खिलाफ कोर्ट ने आईपीसी की धारा 363, 366, 120बी, 376डी और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत चार्ज फ्रेम किए गए थे। हालांकि अरुण के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके।