तो नयागांव में नहीं लगेगा एसटीपी... 10 साल पहले हुआ था सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास, अब नहीं मिल रही जगह
एक दशक से ज्यादा समय से नयागांव में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर प्रशासन कोई फैसला नहीं कर पाया है। 2006 में पहली बार नगर पंचायत का दर्जा हासिल करने से लेकर नगर काउंसिल बन जाने के बाद भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
संवाद सहयोगी, नयागांव (मोहाली)। अगर प्रशासन ने जल्द ही कोई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया तो नयागांव में एसटीपी नहीं लग पाएगा। चंडीगढ़ स्थित पंजाब सीएम आवास से सटे नयागांव के लोग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट न होने की वजह से अपने घरों और गलियों में बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर शौचालय का मलबा एकत्रित कर रहे है। मलबे का गंदा पानी नीचे जमीन में रस कर पीने वाले पानी को दूषित कर रहा है। लोगों का कहना है कि साल में दो बार इन गड्ढों को साफ करवाना पड़ता है। इससे वातावरण भी दूषित होता है और अनेक प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है।
एक दशक से ज्यादा समय से नयागांव में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर प्रशासन कोई फैसला नहीं कर पाया है। 2006 में पहली बार नगर पंचायत का दर्जा हासिल करने से लेकर नगर काउंसिल बन जाने के बाद भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल किया था। इसके लिए 43 करोड़ रुपये का बजट भी बना था और 8 करोड़ की पहली किस्त संबंधित विभाग को सौंप दी गई थी। बावजूद आज तक इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है।
इसे लेकर नयागांव सुधार मंच के अध्यक्ष कृष्ण यादव के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। 2008 के मास्टर प्लान के मुताबिक जिस 2 एकड़ एक कनाल जमीन में एसटीपी लगाया जाना था अब वहां पर लोगों के घर बन गए हैं। अब प्रशासन एसटीपी लगाने के लिए जगह को नए सिरे से खोज रहा है। दिनेश शर्मा द्वारा बताया कि जहां प्रशासन अब एसटीपी के लिए जगह देख रहा है वहां पर भी डीलरों द्वारा प्लाट काटे जा रहे हैं। अगर इस पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नयागांव में कभी नहीं लग पाएगा और लोग गंदा पानी पीने और बीमारियों का सामना करते रहेंगे। वहीं नगर काउंसिल के कार्यकारी अधिकारी रविंद्र जैन ने बताया कि एसटीपी का मामला कोर्ट के अधीन है फैसला आने पर ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।