टेक्निकल कॉलेजों ने स्कॉलरशिप के नाम पर किया 372 करोड़ का घोटाला
पंजाब के 1500 टेक्निकल कॉलेजों ने स्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के नाम पर 372 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। अभी इस मामले में जांच जारी है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के करीब 1500 टेक्निकल कॉलेजों ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के नाम पर बड़ा घोटाला किया है। 372 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आ चुका है, जबकि अब तक 90 फीसद ऑडिट ही पूरा हुआ है। विभाग को उम्मीद है कि यह 400 करोड़ तक हो सकता है। विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आर.वेंकटरत्नम ने इसकी पुष्टि की है।
सरकार कॉलेजों को जारी करेगी नोटिस, वित्त विभाग चाहता है रिकवरी
इस अनियमितता के कारण नौ लाख से ज्यादा विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है क्योंकि केंद्र से पैसा नहीं आ रहा है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक केंद्र से फंड जारी नहीं होगा क्योंकि विधानसभा कमेटी ऐसी सिफारिश की है। दूसरी तरफ समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टोरेट के अधिकारियों का कहना है कि इसे घोटाला तभी कह सकेंगे जब प्राइवेट कॉलेज ऑडिट ऑब्जेक्शन का जवाब नहीं दे पाएंगे।
उन्होंने बताया कि 1500 कॉलेजों का ऑडिट हो चुका है और इसमें 372 करोड़ रुपये की फीसों को लेकर विभाग की टीमों को आब्जेक्शन है। कई केसों में विद्यार्थी पढ़ाई अधूरी छोड़कर चले गए हैं, कइयों के कागजात पूरे नहीं है और कुछ के तकनीकी मामले सामने आए हैं। विभाग इन सभी कॉलेजों को नोटिस जारी करेगा और रिपोर्ट मांगेगा। अगर कॉलेज इसका सही जवाब नहीं दे पाते हैं तो उनसे रिकवरी भी की जाएगी। वित्त विभाग पहले ही कह चुका है कि इस पैसे की रिकवरी की जाएगी।
कैसे आया मामला सामने
पिछली सरकार के दौरान रिटायर्ड जस्टिस निर्मल सिंह जो बस्सी पठाना से अकाली दल के विधायक भी थे, ने विधानसभा की कमेटी का चेयरमैन रहते हुए इस मामले को उजागर किया। हालांकि तब उन्होंने केवल कुछ ही कॉलेजों का स्टडी किया था।
कमेटी ने पाया कि प्राइवेट कॉलेजों द्वारा एक स्टूडेंट का दो से तीन कॉलेजों में दाखिला दिखाकर स्कॉलरशिप का पैसा लिया गया है। विधानसभा की कमेटी ने यह भी सिफारिश की कि आने वाले सालों में जब तक कॉलेजों की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक आगे की राशि रिलीज न की जाए। तभी से तीन साल का पैसा जो लगभग 1615 करोड़ रुपये बनता है, केंद्र सरकार ने रोका हुआ है।
पंजाब सरकार ने जारी किया 60 करोड़
पंजाब सरकार ने अपने हिस्से की राशि जो लगभग 60.79 करोड़ सालाना बनती है, साल 2015-16 की जारी कर दी है। 2016-17 का 50 फीसद भेज दिया गया है, जबकि 2017-18 का कोई पैसा नहीं भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि साल 2015-16 में 3.05 लाख, 2016-17 में 3.07 लाख और 2017-18 में 2.90 लाख विद्यार्थियों ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई किया था।