चंडीगढ़ में फूटा शिक्षकों का गुस्सा, बीएलओ की ड्यूटी में लगे टीचर्स ने घेरा एसडीएम ऑफिस, कहा- 12 घंटे करना पड़ रहा काम
विरोध जता रहे शिक्षकों ने बताया कि उनसे आठ घंटे स्कूल और चार घंटे की फिल्ड में काम लिया जा रहा है। इससे उनके ड्यूटी आवर्स दिन में 12 घंटे हो गए हैं। एसडीएम साउथ के निर्देशानुसार सुबह सात से नौ बजे तक विभिन्न एरिया में जाकर काम करते हैं।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के स्कूल शिक्षकों ने शुक्रवार को एसडीएम (साउध) कार्यालय का घेराव किया। शिक्षकों का यह विरोध अतिरिक्त कार्यभार सौंपे जाने को लेकर था। दरअसल स्कूल शिक्षकों को ब्लॉक लेवल आफिसर (बीएलओ) की ड्यूटी दी गई है। इसके विरोध में सरकारी स्कूल टीचर्स ने सेक्टर-42 स्थित एसडीएम साउथ के आफिस बाहर धरना दिया।
विरोध जता रहे शिक्षकों ने बताया कि उनसे आठ घंटे स्कूल और चार घंटे की फिल्ड में काम लिया जा रहा है। इससे उनके ड्यूटी आवर्स दिन में 12 घंटे हो गए हैं। एसडीएम साउथ के निर्देशानुसार सुबह सात बजे से नौ बजे तक चंडीगढ़ के विभिन्न एरिया में जाकर काम करना है और उसके बाद आठ घंटे के लिए स्कूल जाना है। स्कूल से फ्री होने के बाद शाम को पांच से सात बजे तक दोबारा से बीएलओ की ड्यूटी निभानी होती है जो कि बहुत ही ज्यादा है। बीएलओ की ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को काम समय पर पूरा करने के भी आदेश हैं। ऐसे में स्कूल में टीचिंग के कार्य पर ज्यादा फोकस नहीं कर पा रहे हैं।
स्कूलों में कम है टीचिंग स्टाफ
कोरोना महामारी के चलते शहर के स्कूलों में पांचवीं से आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स की आफलाइन और आनलाइन पढ़ाई चल रही है। इसी प्रकार से नर्सरी से चौथी क्लास के स्टूडेंट्स को सिर्फ आनलाइन पढ़ाया जा रहा है। स्कूल टाइम में पढ़ाई कराने के बाद दिन में यदि स्टूडेंट टीचर से कोई बात जानना चाहता है तो उसे वह फोन अटेंड करके बतानी होती है। इसके अलावा स्कूलों में अंतरराष्ट्रीय एग्जाम पीसा की भी तैयारी चल रही है। यह एग्जाम जुलाई-अगस्त 2022 में होने वाला है। इसी प्रकार से नेशनल अचीवमेंट सर्वे एनएएस का एग्जाम 12 नवंबर से पहले कराने के भी स्कूलों को निर्देश हो चुके है और स्कूलों में 1250 से ज्यादा टीचर्स की कमी है। ऐसे में टीचर्स से स्कूल में भी अतिरिक्त काम लिया जा रहा है।
नगर निगम चुनाव के चलते बढ़ी है ड्यूटी
कोरोना महामारी के दौरान टीचर्स की डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अप्रैल 2020 से सेवाएं ली जा रही हैं। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की सेवाओं में टीचर्स को विभिन्न एरिया में जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने से लेकर बचाव के बारे में अवगत कराना है। इसी प्रकार से यदि किसी कोरोना पीड़ित को मेडिकल या फिर कोई अन्य सुविधा की जरूरत है तो उसे भी पूरा करने की जिम्मेदारी टीचर्स की रहेगी। इस साल अंत में होने वाले नगर निगम चुनाव में टीचर्स की ड्यूटी लगाई गई है। टीचर्स लोगों की वोट बनाने से लेकर सर्वे कर रहे हैं।