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नई भर्ती के बावजूद स्कूलों में टीचर्स की किल्लत

शहर के सरकारी स्कूलों में टीचर्स की कमी की कोई नई बात नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:10 AM (IST)
नई भर्ती के बावजूद स्कूलों में टीचर्स की किल्लत
नई भर्ती के बावजूद स्कूलों में टीचर्स की किल्लत

वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : शहर के सरकारी स्कूलों में टीचर्स की कमी की कोई नई बात नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए विभाग निरंतर रूप से जोर लगा रहा है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। हाल ही में विभाग द्वारा जेबीटी और टीजीटी टीचर्स भी नियुक्त किए गए हैं। उसके बावजूद अभी भी शहर के स्कूलों में टीचर्स की कमी पूरी नहीं हो पाई है। इस वजह से शिक्षा विभाग की हर नियमित अंतराल के बाद किरकिरी हो रही है। विभाग शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अभी तक नाकामयाब ही साबित हो रहा है। जहां एक ओर शहर के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, तो दूसरी ओर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए जगह की कमी है। एक क्लास में पढ़ रहे हैं 50 से 70 स्टूडेंट्स

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शायद ही कोई स्कूल ऐसा होगा जहां टीचर और स्टूडेंट्स का अनुपात 40:1 हो। नियम के अनुसार एक क्लास में सिर्फ 40 बच्चे होने चाहिए लेकिन शहर के सरकारी स्कूलों में एक क्लास में 50 से लेकर 70 बच्चों को एक टीचर पढ़ा रहा है। ऐसे में कैसे आ सकता है बेहतर रिजल्ट

दसवीं और बारहवीं क्लास की बोर्ड परीक्षा को अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। ऐसे में बच्चों से खचाखच भरी क्लास को पढ़ाना टीचर्स के लिए भी एक चुनौती बनी हुई है। 70 बच्चे होने की वजह से टीचर्स पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाता। जिसका खामियाजा आने वाले समय में बच्चों को ही भुगतना पड़ेगा। छोटी क्लास के टीचर पढ़ा रहे हैं बड़ी को

कई स्कूलों में आलम ऐसा है कि छोटी क्लास के टीचर बड़ी क्लास को पढ़ा रहे हैं जिसकी वजह से छोटी क्लास के स्टूडेंट़्स की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। ऐसा नहीं है कि इस बात का शिक्षा विभाग को नहीं पता, विभाग जब बात जानते हुए भी कोई ठोस कदम उठाने से परहेज कर रहा है। करीब 600 टीचर्स की है कमी

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्कूलों में अभी करीब 600 टीचर्स की कमी है। विभाग द्वारा हाल ही में डेपुटेशन पर टीचर्स को बुलाने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार को लेटर भी लिखा था जिसके एवज में सितंबर माह तक सिर्फ 27 टीचर्स ही शहर में आए थे। इस हिसाब से विभाग की टीचर्स की कमी को पूरा करने की सभी कोशिश काम नहीं आ रही है।


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