स्टूडेंट को डांटने पर पेरेंट्स ने शिक्षक को पीटा, पिटते देख गुस्साए स्टूडेंट्स ने की पेरेंट्स की धुनाई
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-45 में वीरवार को पहले एक स्टूडेंट के पेरेंट्स ने शिक्षक को बुरी तरह पीटा। उसके बाद क्लास में बैठे स्टूडेंट्स ने शिक्षक को पिटता देख मारपीट करने वाले पेरेंट्स की जमकर धुनाई की।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-45 में वीरवार को पहले एक स्टूडेंट के पेरेंट्स ने शिक्षक को बुरी तरह पीटा। उसके बाद क्लास में बैठे स्टूडेंट्स ने शिक्षक को पिटता देख मारपीट करने वाले पेरेंट्स की जमकर धुनाई की। मामला सुबह 11 बजे का है। इस लड़ाई में बारहवीं कक्षा के एक स्टूडेंट का सिर फट गया है, जबकि कई स्टूडेंट्स को मुंह और शरीर पर खरोचें आई। जानकारी के अनुसार क्लास में ¨हदी टीचर ऋषि कुमार ने अनुशासन भंग करने के लिए ग्यारहवीं के दो स्टूडेंट्स को डांटा था। डांट के बाद स्टूडेंट संजय पाल अपने घर पर फोन कर दिया और घरवालों से स्कूल आने को कहा। अभिभावक स्कूल पहुंचे और सीधा टीचर की उस क्लास में चले गए जहां वह पढ़ा रहे थे। क्लास में जाते ही उन्होंने शिक्षक की चप्पलों के साथ पिटाई शुरू कर दी और उनसे गाली-गलौज किया। टीचर पिटते देख बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट्स ने अभिभावकों के साथ हाथापाई कर दी। स रक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान
अभिभावकों की तरफ से स्कूल में आकर मारपीट के बाद स्कूल में टीचर्स की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गया है। टीचर के क्लास में पढ़ाने के दौरान सुरक्षा का कोई साधन नहीं है। हैरत की बात यह भी है कि जिस जगह पर टीचर से मारपीट हुई उस स्थान पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था। उस कारण कारण पूरा प्रकरण रिकॉर्ड नहीं हो सका। इसके अलावा एंट्री गेट पर कोई लैंडलाइन फोन या फिर ऐसी व्यवस्था नहीं थी कि टीचर को वहां से सुरक्षित निकाला जा सकता। क ंटीन जाने से रोका था शिक्षक ने
ग्यारहवीं के स्टूडेंट्स संजय पाल ने बताया कि वह कैंटीन में कुछ खाने के लिए जा रहा था। उसी समय इंचार्ज ऋषि कुमार ने मुझे पकड़ा और कान पकड़ने के लिए कहा। उसके बाद मैंने स्कूल से ही घर में फोन कर दिया और टीचर से बात करने के लिए कहा। स्कूल में मोबाइल बैन, फिर भी स्टूडेंट्स लेकर आ रहे
स्कूल में टीचर्स का फोन शिक्षा विभाग ने पूरी तरह से बैन किया हुआ है। क्लास में जाने से पहले टीचर को फोन प्रिंसिपल ऑफिस में जमा कराकर जाना होता है, लेकिन स्टूडेंट्स बिना किसी खौफ के स्कूल में मोबाइल फोन लाते है और उसका इस्तेमाल भी सरेआम करते है। बच्चों की चेकिंग का स्कूल में कोई प्रावधान नहीं है। बच्चा मोबाइल के अलावा कोई अन्य घातक हथियार भी स्कूल कैंपस में लेकर जा सकता है। इसी स्कूल में चल चुका है चाकू
इस स्कूल में शिक्षक के साथ मारपीट का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इसी स्कूल में स्टूडेंट पर आउटसाइडर ने चाकू से वार किए थे। चाकू के वार इतने घातक थे कि बच्चा डेढ़ महीने तक खड़ा नहीं हो सका था। ग ट पर तैनात चौकीदार ने बुलाई पीसीआर
स्कूल परिसर में मारपीट होने की सूचना गेट पर तैनात चौकीदार ने अपने मोबाइल फोन से पीसीआर को दी। पीसीआर स्टूडेंट्स और अभिभावकों को पुलिस चौकी ले गई जहां उन्हें करीब तीन घंटे तक बिठाकर रखा। दो बजे के करीब उनका मेडिकल करवाया गया। वहां दोनों पक्षों को बिठाकर आपसी समझौता करवा दिया गया। ब हतर परिणाम के लिए टीचर हो चुके हैं सम्मानित
शिक्षक ऋषि कुमार पिछले दस सालों से गेस्ट फैकल्टी के तौर पर स्कूल में सेवाएं दे रहे है। इस बार दसवीं और बारहवीं का बेहतर परिणाम देने के लिए शिक्षा विभाग प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर चुका है। मामला मामूली सा था : प्रिंसिपल
प्रिंसिपल अनीता शर्मा ने कहा कि मामला मामूली सा था। दोनों पक्षों में समझौता हो गया है, जो कि पुलिस द्वारा करवाया गया है।