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तानिया भाटिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत में निभाई अहम भूमिका

शहर की युवा क्रिकेटर तानिया भाटिया ने आइसीसी वुमंस टी-20 व‌र्ल्डकप के पहले मैच में निभाई अहम भूमिका।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 07:45 PM (IST)
तानिया भाटिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत में निभाई अहम भूमिका
तानिया भाटिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत में निभाई अहम भूमिका

विकास शर्मा, चंडीगढ़ : शहर की युवा क्रिकेटर तानिया भाटिया ने आइसीसी वुमंस टी-20 व‌र्ल्डकप में मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए मैच में जीत में अहम भूमिका निभाई। तानिया ने इस मैच में विकेट के पीछे दो कैच पकड़े और दो खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया। तानिया इससे पहले भी कई बड़े टूर्नामेंट में खुद को साबित कर चुकी हैं। तानिया ने वुमंस टी-20 विश्व कप-2018 में एक मैच में तीन खिलाड़ियों को स्टंप करने वाली भारत की दूसरी विकेटकीपर हैं। उनसे पहले सुलक्षणा नाइक ने यह उपलब्धि हासिल की थी। तानिया ने अब कुल 44 टी-20 मैच खेले हैं, इसमें उन्होंने 21 खिलाड़ियों को कैच आउट तो 44 खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया है। तानिया ने 15 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने विकेट के पीछे 14 खिलाड़ियों को कैच आउट और 8 खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया है। पिता के अधूरे सपने को तानिया ने किया पूरा

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तानिया भाटिया के पिता संजय भाटिया हरियाणा रणजी टीम के प्लेयर रह चुके हैं। संजय ने बताया कि उन्हें क्रिकेट खेलने का खासा शौक था। वह खुद इंटर कॉलेज, इंटर यूनिवर्सिटी और रणजी टीम में खेल चुके हैं। उनका टीम इंडिया के खेलने का सपना था, जो पूरा नहीं हो सका। इसलिए उनके जुनून को तानिया ने अपना जुनून बना लिया। दंगल गर्ल फौगाट बहनों से मिलती तानिया की कहानी

हिदी फिल्म दंगल की तरह तानिया भाटिया भी कई सालों तक लड़कों की टीम में शामिल होकर खेलती रही हैं। लड़कों जैसी कटिग करवा रहने वाली तानिया ने सात साल की उम्र जीएनपीएस-36 में लड़कों के साथ अपनी क्रिकेट कोचिग शुरू कर दी थी। स्कूल में लड़कियों की क्रिकेट टीम नहीं थी, इसलिए कोच उन्हें लड़कों की टीम में शामिल कर अंडर-12, अंडर-14 और डीपी आजाद ट्रॉफी में खिलवाया। तानिया अक्सर बताती हैं कि मैच और प्रेक्टिस के दौरान कभी किसी गेंदबाज ने न तो लड़की होने की वजह से उन्हें कभी धीमी गति की गेंद फैंकी और न ही मैंने लड़की होने की वजह से उस गेंद को कभी धीमे से मारा। मैंने हमेशा लड़कों की तरह ही क्रिकेट खेला है और यही मेरी मजबूती रही है। तानिया के कोच आरपी सिंह ने बताया कि उनके पास तानिया अकेली लड़की थी जो क्रिकेट की कोचिग लेने आती थी। तानिया अच्छा खेलती थी लड़कियों की टीम नहीं होने की वजह से तानिया को लड़कों की टीम में शामिल किया जाता था। टीम इंडिया को पहले मैच में यह शानदार जीत है, टीम इंडिया काफी संतुलित हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि टीम इस बार जरूर ट्रॉफी के साथ लौटेगी।


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