घटना से लें सबक, लालच वश जोखिम में न डालें जान
पीजी में लालच की लपटों ने तीन लड़कियों की जिदगी को लील लिया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजी में लालच की लपटों ने तीन लड़कियों की जिदगी को लील लिया। यह सिर्फ एक मामला नहीं है जहां इस कदर छोटे-छोटे कमरे बनाकर पेइंग गेस्ट रखे जा रहे हैं। लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है। रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन भी इस मामले से सबक लेने का आग्रह कर रही हैं। चंडीगढ़ एजुकेशन, हेल्थ और आइटी का हब है। यहां इन क्षेत्रों के लिए हजारों लोगों का आना होता है। इसलिए पीजी की आवश्यकता बढ़ जाती है। लेकिन इस जरूरत को नियमों को ध्यान में रख पूरा किया जाना चाहिए। लालच वश किसी की जान जोखिम में डालना उचित नहीं है। पीजी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए और इसकी चेक लिस्ट जारी हो जिससे नियमों का पालन हो सके।
-निर्मल दत्त, प्रेसिडेंट, सीएचबी रेजिडेंट वेलफेयर फेडरेशन, चंडीगढ़ पीजी में लड़कियों की मौत असहनीय है इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। लेकिन इसे सिर्फ एक घटना की तरह न लेकर सबक के तौर पर लेना चाहिए। इससे बड़ा संदेश नहीं हो सकता जिसमें तीन बेटियों को जान गंवानी पड़ी हो। प्रशासन को मामले में जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। जिस स्तर पर लापरवाही हो सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही पीजी की जांच भी होनी चाहिए। अवैध पीजी तुरंत बंद होने चाहिए।
-जेजे सिंह, प्रेसिडेंट, आरडब्ल्यूए, सेक्टर-48 पीजी केवल एकोमोडेशन तक सीमित नहीं है यह एक बड़े बिजनेस का रूप ले चुका है। ज्यादा कमाई के चक्कर में एक कमरे के अंदर कई पेइंग गेस्ट रखे जा रहे हैं। पीजी के चक्कर में फेमिली को रखा ही नहीं जा रहा। इस मामले में रेजिडेंट्स को भी गौर करने की जरूरत है। प्रशासन को अवैध पीजी की नियमित जांच करनी चाहिए।
-डॉ. जगपाल सिंह, वाइस प्रेसिडेंट, आरडब्ल्यूए, सेक्टर-35डी