स्वर रागिनी की सुर लहरियों से गूंजा कॉलेज परिसर
जागरण संवाददाता, पंचकूला : प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार पंडित सुभाष घोष की प्रस्तुति तथा उनके द्वारा
जागरण संवाददाता, पंचकूला : प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार पंडित सुभाष घोष की प्रस्तुति तथा उनके द्वारा बनाई गई नव स्वर रागिनी वाद्ययंत्र के झंकार से गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज का ऑडिटोरियम की उपस्थित समूह मंत्रमुग्ध रह गया। मौका था कॉलेज में आयोजित संगीत कार्यशाला का जिसमें प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार पंडित सुभाष घोष मुख्य अतिथि रहे। शास्त्रीय संगीत पर आयोजित संगीत कार्यशाला में विद्यार्थियों को संगीत के कई गुर सिखाएं और स्वनिर्मित शास्त्रीय वाद्य स्वर रागिनी की जीवंत प्रस्तुति देकर सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों का मन मोह लिया। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अर्चना मिश्रा ने पंडित सुभाष घोष का स्वागत किया। संगीत कार्यशाला का आयोजन दो सत्रों में किया गया। पहले सत्र में पं. घोष ने संगीत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही संगीत विभाग के विद्यार्थियों को सुर की समझ तथा वादन से संबंधित कई महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए। सत्र के अंत में उन्होंने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को भी दूर किया। संगीत शिक्षा पर विचार रखते हुए उन्होंने कहा की संगीत लोगों के दिलों को जोड़ता है। यह किसी भी रणनीति से अधिक शक्तिशाली है, जो लोगों को जीत सकता है।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में पं. सुभाष घोष ने स्वनिर्मित नव स्वर रागिनी वाद्ययंत्र की जीवंत प्रस्तुति दी। उन्होंने स्वर रागिनी पर राग तोरी, खमाज, वृंदावनी सारंग और राग भैरवी जैसी धुनों को बजाकर सभी श्रोताओं को आश्चर्यचकित कर दिया। वहीं शास्त्रीय संगीत की कम समझ रखने वाले विद्यार्थियों से जुड़ने के लिए उन्होंने बॉलीवुड और पंजाबी संगीत पर भी अपने जौहर दिखाये। उन्होंने राग भतियाली में गुरु रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित बंगाली कविता एकला चलो रे.. की भी प्रस्तुति दी और कार्यक्रम का समापन उन्होंने कही अलविदा ना कहना गीत के साथ की। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने अपने गुरु पद्म विभूषण उस्ताद अमजद अली खान को यादकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रस्तुति के दौरान अभिनव वर्मा, रजनी धीमान तथा सुरेश कुमार ने संगत दी।