Kartarpur Corridor पर स्वामी के बयान से गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने शिअद को घेरा, SGPC भी नाराज
भाजपा नेता और सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा करतारपुर कॉरिडोर न खोलने की मांग पर पंजाब में राजनीति गरमा गई है। मामले में कांग्रेस ने अकाली दल को घेरा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। भाजपा नेता और सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा करतारपुर कॉरिडोर न खोलने की मांग पर पंजाब में राजनीति गरमा गई है। स्वामी के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस संबंध में अकाली दल से अपना स्टैंड स्पष्ट करने के लिए कहा है। दो कैबिनेट मंत्रियों समेत आठ विधायकों ने इस बयान को सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है।
कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और भारत भूषण आशू, विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला, कुलजीत सिंह नागरा, अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, फतेहजंग सिंह बाजवा, बरिंदरजीत सिंह पाहड़ा, कुलबीर सिंह जीरा, बलविंदर सिंह लाडी और संतोख सिंह भलाईपुर ने संयुक्त बयान जारी किया है। बयान में कहा है कि अकाली दल का जिस पार्टी के साथ गठजोड़ है आज उसी के नेता स्वामी करतारपुर कॉरिडोर का काम रोकने की वकालत कर रहे हैं। अकाली दल वर्षों से भाजपा के साथ अपने रिश्ते को नाखून और मांस का रिश्ता बताता रहा है। ऐसे में अब अकाली दल का क्या स्टैंड है, इसे स्पष्ट करना चाहिए।
रंधावा ने आरोप लगाया कि बादल परिवार को सिखी की अपेक्षा अपनी कुर्सियों से अधिक मोह है जिसके बारे में पंजाब व सिख जगत जानता है। भाजपा द्वारा गुरुघरों पर जीएसटी से लेकर अब कॉरिडोर रोकने की चालों तक सिख और पंजाब विरोधी फैसलों पर अकाली दल की चुप्पी साबित करती है कि वह भी बराबर का गुनाहगार है। उन्होंने कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत स्वामी ने चंडीगढ़ में आकर यह बयान दिया है। पंजाब के भाजपा नेताओं को भी स्पष्ट करना चाहिए कि वे स्वामी के बयान से सहमत हैैं या नहीं?
करतारपुर कॉरिडोर पर स्वामी के बयान पर एसजीपीसी को एतराज
उधर, अमृतसर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के बयान के बाद सिख संगठनों में रोष बढ़ गया है। दमदमी टकसाल के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी स्वामी के बयान को सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है।
एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि भाजपा नेता स्वामी का बयान कॉरिडोर को खोलने में रुकावट पैदा कर सकता है। एसजीपीसी के प्रवक्ता कुलविंदर सिंह रमदास ने कहा कि 70 वर्षों बाद जब करतारपुर का रास्ता खुलने जा रहा है तो स्वामी का बयान हैरानीजनक है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सिखों के लिए ही नहीं बल्कि दोनों देशों के लोगों के लिए अमन का रास्ता है। इसके खुलने से दोनों देशों के लोगों में आपसी भाईचारक सांझ मजबूत होगी। उधर, हिंदू तख्त के मुखी जगदगुरु स्वामी पंचानंद गिरि ने कहा कि अगर भारत सरकार ने इस रास्ते को रोकने के लिए अभी सार्थक पहल न की तो आने वाले दिनों में पंजाब के हालात खराब हो सकते हैं।
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