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मंत्री पर निलं‍बित DSP ने 28 साल पुराने केस में लगाए गंभीर आरोप, आशु बोले- काेर्ट से बरी हाे चुका हूं

पंजाब के मंत्री भारत भूषण आशु पर निलंबित डीएसपी बलविंदर सिंह शेखों ने 28 साल पुराने मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं। आशु का कहना है कि वह इस मामले में कोर्ट से बरी हो चुके हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 09:33 AM (IST)
मंत्री पर निलं‍बित DSP ने 28 साल पुराने केस में लगाए गंभीर आरोप, आशु बोले- काेर्ट से बरी हाे चुका हूं
मंत्री पर निलं‍बित DSP ने 28 साल पुराने केस में लगाए गंभीर आरोप, आशु बोले- काेर्ट से बरी हाे चुका हूं

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के क‍ैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर निलंबित डीएसपी बलविंदर सिंह शेखों ने 28 साल पुराने मामले में गंभीर आराेप लगाए हैं। इससे पंजाब की सियासत गर्मा गई है। शेखों लुधियाना के ग्रैंड मैनर होम्स मामले में जांच के बाद से निलंबित हैं। शेखों ने यहां कहा कि 1992 में एसपी को दिए बयान में भारत भूषण आशु में आतंकियों से अपने संबंध काे स्‍वीकार किया था। शेखों ने इसके साथ ही अन्‍य गंभीर आरोप भी लगाए। दूसरी ओर, आशु ने शेखाें के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्‍होंने कहा कि वह पूरे मामले में कोर्ट से पहले ही बरी किए जा चुके हैं। शेखों विपक्षी दलों के हाथों में खेल रहे हैं।

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शेखों ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि भारत भूषण आशु ने 19992 में एसपी को दिए बयान में कहा था कि हैबोवाल में उनकी एक डेयरी थी। आतंकी चरणजीत सिंह चन्ना उनके पिता का परिचित था। बीटीकेएफ के आतंकवादी डेयरी पर आते थे। आशु इन आतंकवादियों के हथियार, गोला-बारूद को उनके बताए स्थान पर ले जाते थे। सेखों के मुताबिक आशु ने कहा था कि आतंकी दर्शन सिंह लसोई, जस्सा मुल्लापुरिया, चरणजीत चन्ना तीन पुलिस मुखबिरों को मारने व किचलू नगर लुधियाना में शूटिंग की घटना में शामिल होने के बाद वहां से भाग कर डेयरी पर आए थे।

टाडा एक्ट के तहत ही होगी सुनवाई: बैंस

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील आरएस बैंस ने कहा कि टाडा एक्ट के तहत एसपी स्तर को दिए गए बयान के आधार पर कई लोगों को सजा हुई है। भले ही टाडा एक्ट खत्म हो गया है, लेकिन अगर नए साक्ष्य सामने आते हैं, तो दोषी के विरुद्ध टाडा एक्ट के तहत ही सुनवाई होगी।

मुझे जान का खतरा: सेखों

सेखों ने कहा, 'मेरी जान को खतरा है। क्योंकि आशु न केवल शक्तिशाली मंत्री हैं, बल्कि उनके खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ भी गहरे संबंध हैं। मुझे मंत्री की तरफ से मौत की धमकियां मिल रही हैं। 1993 में भी आशु कितने पावरफुल थे कि पुलिस ने उनके खिलाफ चालान पेश नहीं किया। टाडा एक्ट के तहत एसपी को दिए गए बयान का रिकॉर्ड ही कोर्ट में पेश नहीं किया गया। क्योंकि कोर्ट ने एसडीएम वेस्ट से रिकॉर्ड मांगा था, जबकि रिकॉर्ड एसडीएम ईस्ट के पास था। इस कारण तकनीकी आधार पर आशु को छोड़ दिया गया।

शेखों ने लुधियाना के पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा, टाडा में चालान पेश करने की मांग की

सेखों ने आरोप लगाया कि आशु आतंकवादियों को पनाह देते थे। 1992 में आशु ने टाडा एक्ट के तहत तत्कालीन एसपी सिटी एसपी संधू के सामने बयान देकर यह बात स्वीकार भी की थी, लेकिन पुलिस ने टाडा में चालान पेश न करके केवल आतंकवादियों को पनाह देने के मामले में ही चालान पेश किया था। इससे आशु को केस से राहत मिल गई थी। अब उन्होंने लुधियाना के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख कर आशु के खिलाफ टाडा के तहत चालान पेश करने की मांग की है।

सेखों ने पुलिस रिकॉर्ड लेकर हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील राजविंदर सिंह बैंस के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आशु ने अपने बयान में माना था कि 1992 में भिंडरावाला टाइगर फोर्स खालिस्तान (बीटीकेएफ) के आतंकवादी चरणजीत सिंह चन्ना, जरनैल सिंह और प्रधान नाम के एक सहयोगी ने लुधियाना में बम धमाके करने के लिए उचित स्थान सुझाने के लिए कहा था। सेखों के अनुसार आशु ने गुड़मंडी में बम धमाका करने की सलाह दी थी। धमाके में 5-6 लोग घायल हुए थे। आशु ने अपने बयान में कहा था, 'मेरे ताया जगदीश चंद और राम प्रकाश ने मेरे पिता नारायण दास और मां की हत्या कर दी थी। जगदीश चंद को सजा हुई थी, लेकिन राम प्रकाश बरी हो गया था। आशु चाहते थे कि चन्ना उनके ताया की हत्या करे।'

मैं केस से बरी हो चुका हूं, सेखों विरोधियों के हाथ में खेल रहे: आशु

दूसरी ओर, कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा, 'सेखों विरोधियों को राजनीतिक लाभ देने के लिए उनके हाथों में खेल रहे हैं। कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया था। 28 साल पुराने मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सेखों क्या साबित करना चाहते हैं। उनकी मंशा बिल्कुल स्पष्ट हो रही है। हर विधानसभा सत्र से पहले सेखों ऐसा ही करते हैं। पुलिस के पास दिए गए बयान का कोर्ट में कोई आधार नहीं होता है। यह बात सभी को पता है।

आशु ने कहा, 'दागी डीएसपी झूठ का पुलिंदा लेकर मेरी राजनीतिक छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। अपने आप में तथाकथित 'रहस्योद्घाटन' का समय बताता है कि वे क्या हासिल करना चाहते हैं। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। एक पुलिस यह शर्मनाक है कि मेरे परिवार के एक सदस्य का नाम इसमें घसीटा जा रहा है, जो अब है ही नहीं। मैं जांच के लिए तैयार हूं। सेखों को कुछ कहना था तो उन्हें अदालत जाना चाहिए था।'   

दागी सेखों शिअद-भाजपा का मोहरा: बिट्टू

पूरे मामने पर लुधियाना के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि डीएसपी सेखों स्पष्ट रूप से अपने राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर काम कर रहे है। वह अकाली-भाजपा नेताओं का मोहरा हैं और उनकी इच्छानुसार काम कर रहे हैं। बिट्टू ने कहा कि सेखों का विवादों से पुराना नाता रहा है। उसके विरुद्ध जाली नोटों की छपाई, सार्वजनिक धन के दुरुपयोग, रिश्वत स्वीकार करने के अलावा कई और मुकदमे दर्ज हैं। यह पहली बार नहीं है कि उसे निलंबित किया गया हो। सभी जानते हैं कि डीएसपी सेखों ने पार्किंग के मुद्दे पर एक शहरी निवासी के साथ दुव्र्यवहार किया था और उसी से संबंधित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

बिट्टू ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और एक पुलिस अधिकारी जो अपने सार्वजनिक व्यवहार के चलते कई बार निलंबित हो चुका है, उस परदे के पीछे नहीं छिप सकता, जिसे वह झूठ और गलत आरोपों से तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।

आशु से इस्तीफा ले कैप्टन: चीमा

शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा, 'मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु से तुरंत इस्तीफा लेकर मामले की उच्चस्तरीय जांच करवानी चाहिए। उन पर केवल आरोप ही नहीं लगे हैं, बल्कि इसके कानूनी दस्तावेज भी मौजूद हैं।

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