.. और 50 साल पुरानी यादों में खो गई सुषमा स्वराज
पंजाब यूनिवर्सिटी का वो समय जहां सुषमा स्वराज ने अपनी युवा जिंदगी को जीया। ऐसे पल संजोए और शिक्षा हासिल की जिनकी बदौलत आज वह केंद्रीय मंत्री बनीं।
जेएनएन, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी का वो समय जहां सुषमा स्वराज ने अपनी युवा जिंदगी को जीया। ऐसे पल संजोए और शिक्षा हासिल की जिनकी बदौलत आज वह केंद्रीय मंत्री बनीं। उन्हीं पलों को पांच दशक बाद फिर से याद करने का मौका आया। बुधवार को पीयू के ¨हदी विभाग के प्रोफेसर व स्टूडेंट्स का एक शिष्टमंडल उनसे दिल्ली स्थित जवाहर भवन में मिलने गया तो उनकी कॉलेज लाइफ की दो तस्वीरें भेंट की। एक फोटो 1969 व दूसरी 1970 की है जब सुषमा भाषण प्रतियोगिताओं में पीयू का नाम चमका अवॉर्ड पर अवॉर्ड ले रही थी। इन्हीं प्रतियोगिताओं ने युवावस्था में उनकी आवाज को बुलंद व बेबाक बनाया, जिस कारण आज वह देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी बात खुलकर रखने के लिए जानी जाती हैं। दोनों तस्वीरों को हाथ में लेते ही सुषमा यूनिवर्सिटी की पुरानी यादों में खो गई। इस दौरान उन्होंने ¨हदी विभाग व प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की तैयारियों के बारे में कुछ किस्से भी शेयर किए। उन्होंने ¨हदी विभाग के इस प्रयास की सराहना कर कहा कि इससे उनकी पचास वर्ष पुरानी स्मृतियां एकाएक सजीव हो उठी हैं। साथ ही विभाग के विद्यार्थियों को शुभभकामनाएं व आशीर्वाद भी दिया। यह खास है इन तस्वीरों में
पहली तस्वीर सितंबर 1969 में आयोजित के. ग्रोवर भाषण प्रतियोगिता की है कि उसमें सुषमा स्वराज ने सद्भावना पर भाषण देकर सभी का दिल जीत लिया था। दूसरी तस्वीर ए. सी. बाली प्रतियोगिता की थी, जो 1970 में हुई। हर साल होने वाली दोनों प्रतियोगिताओं में सुषमा स्वराज ने पहला स्थान हासिल किया था। ऐस मिली यह दुर्लभ तस्वीरें
विभागाध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने बताया कि बीते दिनों विभाग के विद्यार्थियों ने पुस्तकालय को पुन: नियोजित किया था। उसी दौरान उन्हें कुछ पुरानी व दुर्लभ तस्वीरें मिली। सुषमा स्वराज की दोनों तस्वीरें भी यहीं से मिली। उसके बाद उन्होंने इन तस्वीरों को पुन: सही करवाकर केंद्रीय मंत्री को भेंट करने की योजना बनाई और उनसे मिलने गए। डॉ. सिंह ने सुषमा स्वराज द्वारा उनकी व्यस्तता में से समय देने के लिए उनका धन्यवाद भी किया। शिष्टमंडल में ये हुए शामिल
शिष्टमंडल में हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह, केवल कुमार (संयोजक, जनसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी समिति), शकुन्तला (संयोजक, पुस्तकालय समिति), राम सिंह यादव (सह-संयोजक, पुस्तकालय समिति), ज्योत्सना (एमए द्वितीय), कुमारी अंकिता (एमए प्रथम) शामिल रहे। कई और दुर्लभी तस्वीरें भी मिली, विभाग लगाएगा प्रदर्शनी
डॉ. सिंह ने बताया कि विभाग के पुस्तकालय में ऐसी और भी तस्वीरें हैं। इन तस्वीरों में हिंदी विभाग के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ. इंद्रनाथ मदान, हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे विभाग के प्राध्यापकों के साथ विभाग के 60-70-80 के दशक के विद्यार्थी हैं, जो आज अच्छे मुकाम पर पहुंच देश व पीयू का नाम रोशन कर रहे हैं। विभाग इन सभी तस्वीरों को पुन: व्यवस्थित कर डिजिटल करने की योजना बना रहा है। विभाग इस अनमोल धरोहर की प्रदर्शनी भी लगाएगा।