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Navjot Singh Sidhu: नवजोत सिद्धू को बड़ा झटका, SC ने 34 साल पुराने केस में एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई, दी यह प्रतिक्र‍िया

Navjot Singh Sidhu पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। उनको पहले एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 02:18 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 05:10 PM (IST)
Navjot Singh Sidhu: नवजोत सिद्धू को बड़ा झटका, SC ने 34 साल पुराने केस में एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई, दी यह प्रतिक्र‍िया
नवजाेत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़/नई दिल्‍ली, माला दीक्षित। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले सुप्रीम ने उनको एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। सिद्धू को जब सुप्रीम कोर्ट सजा सुना रहा था उस समय वह हाथी पर सवार होकर महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे। 

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सजा पर आई नवजोत सिंह सिद्धू की प्रतिक्रिया, सरेंडर करने के संकेत दिए

सजा पर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा कि वह कानून की महिमा के लिए खुद को प्रस्‍तुत करेंगे। इस ट्वीट से माना जा रहा है सिद्धू अदालत या पुलिस के समक्ष सरेंडर करेंगे। वैसे मीडिया कर्मियों ने सिद्धू से बात करने और सजा पर उनकी प्रतिकिया जानने की कोशिश की तो उन्‍होंने नो कमेंट कहा और अपनी कार से निकल गए।     

जब सजा सुनाई जा रही थी, उस समय सिद्धू महंगाई के खिलाफ पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थे  

सिद्धू पर 34 साल पहले पटियाला में सड़क पर हुए विवाद में गुरनाम सिंह के साथ मारपीट करने का आरोप है। गुरनाम सिंह की अस्‍पताल में मौत हो गई थी। रोडरेज का यह मामला 27 दिसंबर, 1988 का है। नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला में कार से जाते हुए गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग से भिड़ गए थे।

पटियाला में हाथी पर सवार होकर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू। (जागरण) 

आरोप है कि गुस्से में नवजोत सिद्धू ने उन्हें मुक्का मार दिया, जिसके बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। निचली अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू को सुबूतों के अभाव में 1999 में बरी कर दिया था, लेकिन पीड़ित पक्ष पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया। गुरनाम सिंह के सवजनों का आरोप था कि सिद्धू ने गुरनाम सिंह के सिर पर मुक्का मारा और गुरनाम सिंह को ब्रेन हेमरेज हो गया, जिससे उनकी मौत हो गई ।

साल 2006 में हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वहां से उनको राहत मिली और सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया। इसके बाद गुरनाम सिंह के स्‍वजनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। इसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने उनको एक साल जेल की सजा सुनाई है।

2006 में जब हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी, तब वह भाजपा में थे और अमृतसर से सांसद थे। उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें दोबारा चुनाव लड़ना पड़ा और वह फिर से जीत गए थे।


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