शिअद ने धर्म के नाम पर राजनीति की, विकास नहीं करवाया: जाखड़
-श्री मुक्तसर साहिब में होने वाले माघी मेले में कांग्रेस नहीं करेगी सियासी कांफ्रेंस --- राज्य
-श्री मुक्तसर साहिब में होने वाले माघी मेले में कांग्रेस नहीं करेगी सियासी कांफ्रेंस
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब प्रदेश काग्रेस कमेटी के प्रधान व गुरदासपुर से लोकसभा सदस्य सुनील जाखड़ ने कहा है कि पिछले 10 वर्षो तक पंजाब की सत्ता पर काबिज रहे अकाली दल ने एतिहासिक नगर श्री मुक्तसर साहिब के विकास के लिए कुछ नहीं किया, सिर्फ राजनीति की। श्री मुक्तसर साहिब जिला पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का घरेलू जिला है।
40 मुक्तों की शहीदी को नमन करते हुए कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब से शहीदों की स्मृति में लगने वाले जोड़ मेलों में राजनीतिक कांफ्रेंस न करने की हिदायतों के मद्देनजर काग्रेस ने इस बार श्री मुक्तसर साहिब में राजनीतिक कांफ्रेंस न करने का फैसला लिया है। माघी का मेला 40 मुक्तों की शहीदी को याद करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन हम अपने शहीदों को श्रद्धासुमन भेंट करते है और हमारे महान गुरुओं द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलने का संकल्प लेते है। दूसरी तरफ धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले अकाली दल ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए राजनीतिक हित ही सब कुछ है। पंथक पार्टी कहलाने वाले नेताओं ने शहीदों की स्मृति में लगने वाले मेले में राजनीतिक कांफ्रेंस करके खुद ही अपने चेहरे से नकाब उतार लिया है।
1995 में कांग्रेस ने दिया जिले का दर्जा
जाखड़ ने कहा कि यह काग्रेस सरकार ही थी, जिसने 1995 में श्री मुक्तसर साहिब को जिले का दर्जा दिया था। इसके बाद 2002 से 2007 के कार्यकाल के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने श्री मुक्तसर साहिब के एतिहासिक दर्जे को ध्यान में रखते हुए यहा यादगारी गेट बनवाए थे। काग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही 40 मुक्तों की शहीदी को नमन करने के लिए श्री मुक्तसर साहिब में मुक्त-ए-मीनार यादगार भी बनाई गई थी, जबकि अकाली सरकार के कार्यकाल में श्री मुक्तसर साहिब के ऐतिहासिक महत्व के मद्देनजर कोई यादगार या कोई अन्य कार्य नहीं करवाया गया। जाखड़ ने कहा कि अकाली दल केवल धर्म के नाम पर राजनीति करता है, जबकि इसके नेताओं को धार्मिक रीति रिवाजों की कोई परवाह नहीं है।