जाखड़ बोले- मनरेगा पर भी उठे थे सवाल, आज यही योजना कर रही गांवों का बुनियादी ढांचा मजबूत
सुनील जाखड़ ने कहा कि मनरेगा के बाद कांग्रेस पार्टी की यह दूसरी बड़ी योजना है जिसका फायदा उस वर्ग को मिलेगा जो आज रोजी रोटी के लिए ही मशक्कत कर रहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने गरीब वर्ग के लिए घोषित की गई न्यूनतम आय योजना का समर्थन किया। कहा कि मनरेगा के बाद कांग्रेस पार्टी की यह दूसरी बड़ी योजना है जिसका फायदा उस वर्ग को मिलेगा जो आज रोजी रोटी के लिए ही मशक्कत कर रहा है।
जाखड़ यहां मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। बता दें, बीते कल राहुल गांधी ने 72 हजार रुपये सालाना गरीब वर्ग के खाते में देने की घोषणा की थी। इस योजना को लेकर उठ रही आलोचनाओं का जाखड़ ने खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग सरकारी पैसा अंबानियों और अडानियों को देने में बर्बाद कर रहे हैं, वे ही इस तरह की योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, इससे पहले जब यूपीए की सरकार गरीब वर्ग के लिए सौ दिन की रोजगार गारंटी देने वाली योजना मनरेगा लाई थी तब भी भाजपा ने कहा था कि यह पैसे की बर्बादी वाली योजना है, लेकिन आज देशभर में ग्रामीण हलकों में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जो काम हो रहा है वह इस योजना की देन है इसीलिए भाजपा इसे अब अपनी योजना बताने का श्रेय ले रही है।
सुनील जाखड़ ने कहा, गरीब वर्ग तो आज रोजी रोटी के लिए ही मशक्कत कर रहा है और अगर हमारी सरकार उसे इस मशक्कत से बाहर लाती है तो वह भी देश के विकास में अपना योगदान देने योग्य हो जाएगा। इस योजना को पैसे की बर्बादी बताने वालों को जवाब देते हुए जाखड़ ने कहा कि गरीब आदमी अपना पैसा तिजोरियों में दबाने के लिए खर्च नहीं करता, बल्कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने, अपने बच्चों को पढ़ाने और हेल्थ पर ही खर्च करता है, लेकिन मौजूदा सरकार जिस तरह से उद्योगपतियों के कर्ज को एनपीए बताकर माफ कर रही है आर्थिकता उससे खराब होती है।
नोटबंदी पर वोट क्यों नहीं मांगते मोदी
जाखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी पर बड़ा नाज था तो वह नोटबंदी पर वोट क्यों नहीं मांगते? जीएसटी को लेकर व्यापारियों और उद्योगपतियों के पास क्यों नहीं जाते?
सुखबीर को तो अपनी साख का सवाल है
फिरोजपुर से उनके सामने जाखड़ को लड़ाने की चुनौती देने वाले सुखबीर बादल के सवाल पर जाखड़ ने कहा, फिरोजपुर के लोगों द्वारा दिए गए फतवे को मैंने हंसकर स्वीकार किया था। मुझ में सुखबीर की तरह घमंड नहीं है, लेकिन उन्हें तो अपनेआप को सिख साबित करने के लिए गातरा तक दिखाने की नौबत आ गई । क्या पंथ में उनकी साख इतनी गिर गई है कि लोग उन्हें सिख मानने से भी इन्कार करने लगे हैं।
इन मुद्दों पर भी रखी जाखड़ ने अपनी बात
- आप से समझौते के बारे में सीएम ने हाईकमान को बता दिया है। हमने साफ कर दिया है कि हमें गठजोड़ की जरूरत नहीं। सरकार ने जो काम किया है हम उसी पर लोगों से वोट मांगेंगे।
- आरएसएस का स्वतंत्रता संग्राम में क्या देना है? भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय में एक भी स्वतंत्रता सेनानी की फोटो क्यों नहीं।