बागी आप नेता सुखपाल व संधू पार्टी से निलंबित, खैहरा बोले- केजरीवाल डिक्टेटर
आम आदमी पार्टी ने बागी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा व कंवर संधू को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी ने बागी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा व कंवर संधू को पार्टी से निलंबित कर दिया है। निलंबन पर खैहरा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से यही उम्मीद थी, मुझे कुछ ताज्जुब नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एंटी डिफेक्शन लॉ ने पार्टी प्रधानों को इतना मजबूत कर दिया है कि वे डिक्टेटर की तरह काम करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में या तो आपके पास खुशामद की राजनीति करके ओहदे ले सकते हैँ या फिर मुद्दों की राजनीति करके लोगों को प्यार।
सुखपाल खैहरा ने कहा कि पंजाबियों ने अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताया था। विदेशों में बैठे पंजाबियों ने करोड़ों रुपए का फंड उन्हें दिया लेकिन आज वह इतने अहंकार में आ चुके हैं कि वह किसी नहीं सुनते। आगे क्या करेंगे, से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पंजाब में वैक्यूम की स्थिति बनी हुई है मुझे लगता है कि बसपा, पंथक लोगों को और पंजाब से प्यार करने वाले लोगों को एक साथ लाकर महागठबंधन बनाने की जरूरत है। हम उस पर काम करेंगे।
एकता किए जाने के सवाल पर खैहरा ने कहा कि यह ड्रामा था। एक तरफ हमसे बात की जा रही थी जबकि उसी दिन शाम को पांच संसदीय क्षेत्रों के उम्मीदवारों का नाम घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि लोग बच्चे नहीं हैं। वे सब समझते हैं।
उधर, आप ने कहा कि सुखपाल सिंह खैहरा और कंवर संधू लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। वह केंद्रीय नेतृत्व पर शाब्दिक हमले करते रहे हैं, इसलिए उन्हें पार्टी से निलंबित किया जाता है। खैहरा भुलत्थ से विधायक हैं, जबकि कंवर संधू खरड़ के विधायक हैं। आप की पंजाब की कोर समिति की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया कि पार्टी की तरफ से अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर दोनों नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों नेताओं ने पार्टी विरोधी गतिविधियां जारी रखी। पार्टी ने कहा कि किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जा सकती। नेताओं और वलंटियरों को पार्टी द्वारा निर्धारित नियमों की पालना करना होगा।
बता दें, दो दिन पूर्व पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के चंडीगढ़ दौरे के दौरान ही दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर करने की पटकथा लिखी जा चुकी थी। केजरीवाल से जब खैहरा के संबंध में पूछा गया था तो उन्होंने स्पष्ट कहा था कि वह इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते। वह खैहरा के लिए राजनीति नहीं करते। उन्होंने कहा था कि पार्टी समय आने पर इन नेताओं पर कार्रवाई करेगी।
पार्टी ने बागी विधायकों को मनाने का प्रयास किया था, लेकिन पार्टी के बड़े नेता खैहरा व संधू को अब साथ नहीं रखना चाहते थे। पार्टी हाईकमान का मानना है कि खैहरा की तरफ से पार्टी में अनुशासनहीनता पैदा की गई है। खैहरा ने दिल्ली लीडरशिप को कभी भी मान्यता नहीं दी और पार्टी के बजाय अपनी निजी सियासत को पहल दी है।
केजरीवाल ने दो दिन पूर्व यूटी गेस्ट हाउस में पार्टी की तरफ से पांच लोकसभा हलकों से घोषित किए पांच उम्मीदवारों के साथ बंद कमरे में मीटिंग की थी। इसी मीटिंग में दोनों को बाहर का रास्ता दिखाने की पटकथा लिखी जा चुकी थी।