लेक के पानी के लिए संकट बना अमेरिकी कमल, मुंबई से आई क्रेन इसे जड़ से कर रही खत्म
मुंबई से मंगवाई गई क्रेन से सुखना लेक की जंगली घास और अमेरिकी कमल को बाहर निकाला जा रहा है। क्रेन दो कन्वेयर बेल्ट की सहायता से जंगली घास वीड और अमेरिकी कमल को डेढ़ फिट नीचे से निकाल रही है।
जासं, चंडीगढ़ : मुंबई से मंगवाई गई क्रेन से सुखना लेक की जंगली घास और अमेरिकी कमल को बाहर निकाला जा रहा है। क्रेन दो कन्वेयर बेल्ट की सहायता से जंगली घास, वीड और अमेरिकी कमल को डेढ़ फिट नीचे से निकाल रही है। पानी की सतह से डेढ़ फीट नीचे से इसे निकालने के दो फायदे हो रहे हैं। एक तो यह कि यह जड़ सहित बाहर आ रहा है, जिससे यह दोबारा इतनी जल्दी नहीं पनप सकेगा। दूसरा लंबे समय तक लेक साफ सुथरी रहेगी। इस क्रेन को इंजीनियरिग डिपार्टमेंट ने मुंबई से रेंट पर हायर किया है। दो से ढाई महीने के लिए इसका करीब 12 लाख रेंट देना होगा। पहले प्रशासन ने इस मशीन को खरीदने की सोची थी लेकिन इसकी कीमत डेढ़ से दो करोड़ रुपये है। इसलिए इसे खुद खरीदने की बजाए प्रशासन ने रेंट पर लेना उचित समझा। पहले नैनीताल लेक से यह क्रेन चलाकर जंगली घास निकाली जा चुकी है। गर्मियों में नहीं पनप सकेगी घास और कमल
गर्मियों के दिनों में सुखना लेक का जलस्तर कम होने लगता है। इससे जंगली घास, वीड और अमेरिकी कमल तेजी से पनपता है। लेकिन यह क्रेन जड़ से इसे निकाल रही है। अभी हर साल जंगली घास और अमेरिकी कमल की समस्या से जूझना पड़ता है। लेकिन अब चंडीगढ़ की लाइफलाइन सुखना लेक को इससे छुटकारा मिल जाएगा। हर साल लेक पर जंगली घास और अमेरिकी कमल का कब्जा नहीं होगा। क्रेन की मदद से लेक से जंगली घास और अमेरिकी कमल बाहर निकाला जा रहा है। इसमें दो कन्वेयर बेल्ट हैं जो गहराई से इसे निकालती हैं फिर इसके टुकड़े कर देती है। निकालने से कटिग तक सभी काम यही कन्वेयर बेल्ट करती है। लेक के रेगुलेटरी एंड पर बड़ी मात्रा में यह कब्जा जमा चुका है। अमेरिकी कमल चूसता है ज्यादा पानी
चीफ इंजीनियर कम स्पेशल सेक्रेटरी इंजीनियरिग सीबी ओझा ने बताया कि लेक में अमेरिकी कमल अधिक है। यह तेजी से पनपता है। पानी भी यही सबसे अधिक चूसता है। क्रेन से इसे डेढ़ फिट नीचे जड़ से खत्म किया जा रहा है। इससे यह जल्द नहीं पनप सकेगा और लेक का जलस्तर भी इतना कम नहीं होगा।