1984 दंगों के बाद सुखबीर ने उठाया Operation Blue Star का मामला, शाह से मिल कहा- पूरी जांच हो
शिअद प्रधान व पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर आपरेशन ब्लूस्टार मामले की पूरी जांच की मांग की।
जेएनएन, चंडीगढ़। शिअद प्रधान व पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने अब 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुद्दे के बाद Operation Blue Star का मामला उठा दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। वीरवार को इस संबंध गृह मंत्री अमित शाह से मिलने नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने इस दौरान शाह को ज्ञापन भी सौंपा।
शाह को सौंपे ज्ञापन में सुखबीर बादल ने गृह मंत्री के समक्ष श्री गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के कार्यक्रमों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, हम श्री गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर उत्सव कार्यक्रम से पूरी तरह से संतुष्ट हैं, लेकिन हम इसमें एक अतिरिक्त कार्यक्रम जोड़ना चाहते हैं। सुखबीर ने लिखा है कि हम इस मौके पर भारत से पाकिस्तान में स्थित श्री ननकाना साहिब तक एतिहासिक नगर कीर्तन निकालना चाहते हैं। हमारा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह इस नगर कीर्तन के सफल आयोजन के लिए पाकिस्तान की सरकार से अविलंब बातचीत करें।
ये था Operation Blue Star
बता दें, Operation Blue Star भारतीय सेना द्वारा 3 से 6 जून 1984 को अमृतसर (पंजाब, भारत) स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था। इस तीन दिन तक चली कार्रवाई में स्वर्ण मंदिर में 492 लोगों की जान चली गई थींं। इसके अलावा सेना के चार अधिकारियों समेत 83 जवान शहीद हो गए थे।
पंजाब में आतंकवाद अपने पांव पसार रहा था और उसकी अगुवाई करने का आरोप भिंडरावाले पर लगा। तत्कालीन कांग्रेस ने एक ऐसा फैसला किया जिसका भयावह अंत 31 अक्टूबर 1984 को हुआ। एक तरफ 3 जून 1984 को Operation Blue star में भिंडरावाला मारा गया और ठीक उसके पांच महीने बाद अक्टूबर 1984 में ही इंदिरा गांधी अपने ही सुरक्षा दस्ते का ही शिकार हो गईं थींं।
उधर, आज Operation Blue star की बरसी पर श्री अकाल तख्त साहिब में टकराव हो गया। सिख गुट आमने-सामने हाे गए और तलवारें व कृपाणें लहराईं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह इस विरोध के चलते तीन लाइनों का संदेश ही पढ़कर सुना पाए। इसके बाद उन्होंने Operation Blue star में मारे गए लाेगों के परिवारों को सम्मानित किया।
गुरुओं की निशानी व दस्तावेज लौटाने की भी मांग
हरिमंदिर साहिब कांप्लेक्स के सिख रेफरेंस पुस्तकालय से सेना के अधिकारियों द्वारा उठाए गए खरड़े (हस्तलिखित दुर्लभ पाठ्य सामग्री) और दस्तावेज को एसजीपीसी को लौटाने की भी मांग की। शिअद प्रधान सुखबीर बादल के नेतृत्व में गए इस प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 1984 में सेना की कार्रवाई के बाद पुस्तकालय का बड़ा हिस्सा तबाह हो गया था। बहुत सी दुर्लभ खरड़ों व गुरु साहिब की निशानी व दस्तावेजों को सेना के अधिकारी उठा ले गए थे। उन्होंने इस मामले को सेना के आगे उठाकर इसका उपयुक्त हल निकालने की अपील भी की।
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