Move to Jagran APP

कृषि विधेयकों के मामले में राष्‍ट्रप‍ति से मिलेंगे सुखबीर बादल और पंजाब के शिअद नेता

पंजाब में कृषि विधेयकों के बीच सुखबीर बादल के नेतृत्‍व में शिअद के नेता राष्‍ट्रप‍ति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेेंगे। व राष्‍ट्रपति से विधेयकों को मंजूर न करने की अपील करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 01:02 PM (IST)
कृषि विधेयकों के मामले में राष्‍ट्रप‍ति से मिलेंगे सुखबीर बादल और पंजाब के शिअद नेता
कृषि विधेयकों के मामले में राष्‍ट्रप‍ति से मिलेंगे सुखबीर बादल और पंजाब के शिअद नेता

चंडीगढ़ जेएनएन/ एएनआइ। संसद में कृषि विधेयकों के पारित हो जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने अपना विरोध तेज कर दिया है। कृषि विधेयकों के विरोध में आज शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेताओं का शिष्‍टमंडल पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्‍व में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेगा। शिअद नेता राष्‍ट्रपति से इन‍ विधेयकों को मंजूरी न देने की अपील करेंगे।

loksabha election banner

सुखबीर बादल के नेतृत्‍व में शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का दल आज शाम राष्‍ट्रपति भवन में रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। शिअद नेता कृषि विधेयकों को लेकर पंजाब में किसानों के विरोध और आशंकाओं के बारे में जानकारी देंगे। वे राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद को कृषि विधेयकों को लेकर शिरोमणि अकाली दल के दृष्टिकोण से अवगत कराएंगे।

इससे पहले राज्यसभा में कृषि विधेयकों के पास होने के बाद अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इन विधेयकों को अपनी मंजूरी न देने की अपील की। सुखबीर ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वह कृिषि विधेयकों पर हस्ताक्षर न करके किसानों व मजदूरों के बचाव में आएं और विधेयकों को पुनर्विचार के लिए दोबारा संसद को भेजें, जिससे जल्दबाजी में लिए गए फैसले राष्ट्र की मानसिकता पर स्थायी निशान न छोड़ें और किसानों व मजदूरों के दीर्घकालिक महत्वपूर्ण हितों पर गहरा घाव पहुंचाएं।

सुखबीर बादल ने कहा कि अब भी समय है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। संविधान के निर्माताओं ने उनके समक्ष लाए गए किसी भी कानून के सभी पहलुओं पर पूरी तरह विचार करने के बाद राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के लिए यह प्रावधान किया है। लोकतंत्र परामर्श, सुलह और आम सहमति के बारे में है। परंतु रविवार को संसद में जो कुछ भी हुआ उससे वह बेहद दुखी हैं क्योंकि कार्यवाही में तीनों लोकतांत्रिक गुणों की अनदेखी की गई है। इस विकृति को राष्ट्रपति के हस्तक्षेप से ही ठीक किया जा सकता है।  

यह भी पढ़ें: हरियाणा की महिला IAS अफसर काे त्रिपुरा बुलाने पर अड़ी वहां की सरकार, जानें क्‍या है पूरा मामला

यह भी पढ़ें: पंजाब के इस शख्‍स के पास है धर्मेंद्र की अनमोल धरोहर, किसी कीमत पर बेचने को तैयार नहीं

यह भी पढ़ें: रुक जाना न कहीं हार के: 10 लाख पैकेज की जाॅब छाेड़ी, पकाैड़े व दूध बेच रहे हैं हरियाणा के प्रदीप


पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.