पेट्रोल-डीजल के दामों पर चुप रहे सुखबीर, पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर बरसे
जीरकपुर में आयोजित धरने में शिअद प्रधान सुखबीर बादल खुद पहुंचे लेकिन इस दौरान उन्होंने बढ़ते पेट्रोल-डीजल केे दामों को लेकर कुछ नहीं बोला।
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। पंजाब सरकार की कथित नाकामियों व पेट्रोल-डीजल में मूल्य वृद्धि को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने आज प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। जीरकपुर में आयोजित धरने में शिअद प्रधान सुखबीर बादल खुद पहुंचे, लेकिन इस दौरान उन्होंने बढ़ते पेट्रोल-डीजल केे दामों को लेकर कुछ नहीं बोला।उन्होंने अपना भाषण पंजाब सरकार पर हमले पर ही केंद्रित रखा।
सुखबीर बादल पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर जमकर बरसे। कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। सुखबीर ने कहा कि कैप्टन पहले भी सीएम रहे तब भी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट रही और अभी भी कमोबेश यही स्थिति थी। लोगों पर झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहेे हैं। बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा जा रहा।
सुखबीर ने कहा कि कांग्रेसी प्रकाश सिंह बादल पर बेअदबी मामलों के आरोप लगाते रहे हैं, जबकि बादल ने अपना सारा जीवन लोगों की सेवा मेंं बिताया है। पंजाब में अगर कुछ विकास हुआ है तो उन्हीं के कार्यकाल में हुआ है। शिअद कभी बेअदबी नहीं करा सकती। यह पार्टी गुरु की सेवा करने वाली पार्टी है। इस पार्टी ने सौ साल गुरुघरों की सेवा की है।
सुखबीर ने कहा कि कांग्रेस को खनन माफिया व शराब कारोबारियों के साथ मिली है। जीरकपुर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुला है, जिसके बाद यहां का विकास होना था, लेकिन यहां पर खनन का काम जोरों पर चल रहा है। छतबीड़ जू एरिया का नाम लेते हुए उन्होनें कहा कि जीरकपुर की शान अब खत्म हो गया है।
शिअद प्रधान ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार की तरफ से दी जा रही सहायता का भी प्रदेश सरकार ने सही ढंग से इस्तेमाल नहीं किया है। सामान लाेगों को मिलने के बजाय दुकानों पर बेचा गया है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जब से पंजाब में कैप्टन सरकार बनी है तभी से कहा जा रहा है कि खजाना खाली है, लेकिन सरकार का कभी खजाना खाली नहीं होता। जब प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे तब तो कभी खजाना खाली नहीं रहा। धरने में विधायक एनके शर्मा सहित मोहाली जिले के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।
फिजिकल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
धरने में सुखबीर बादल व बड़े नेता मास्क पहने दिखे, लेकिन कई कार्यकर्ता बिना मास्क के दिखे। धरने में बैठे लोगों ने फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी नहीं रखा।