जीएमसीएच-32 में पहली बार इम्पेला तकनीक से हुई बुजुर्ग की सफल हार्ट सर्जरी
जीएमसीएच-32 में 67 साल के बुजुर्ग की सफल एंजियोप्लास्टी सर्जरी पहली बार इम्पेला डिवाइस का इस्तेमाल कर की गई। बुजुर्ग को हाईपरटेंशन और डायबीटिज की भी बीमारी थी। उसे बीते एक महीने पूर्व हार्ट फेलियर की समस्या से गूजरना पड़ा था।
जासं, चंडीगढ़ : जीएमसीएच-32 में 67 साल के बुजुर्ग की सफल एंजियोप्लास्टी सर्जरी पहली बार इम्पेला डिवाइस का इस्तेमाल कर की गई। बुजुर्ग को हाईपरटेंशन और डायबीटिज की भी बीमारी थी। उसे बीते एक महीने पूर्व हार्ट फेलियर की समस्या से गूजरना पड़ा था। इस बीच जीएमसीएच-32 के कार्डियोलॉजी विभाग ने बुजुर्ग की सफल हार्ट सर्जरी की।
जीएमसीएच-32 के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डा. एस रेड्डी और प्रोफेसर जीत राम कश्यम के नेतृत्व में डा. रघु, डा. लिपि उप्पल, डा. मुनीष देव, डा. सिद्धार्थ और अन्य सहायक स्टाफ ने इस जटिल हार्ट सर्जरी को सफल बनाया। सर्जरी में इम्पेला मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया गया। पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए डा. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि यह एंजियोप्लास्टी एक 67 वर्षीय बुजुर्ग में की गई।
बुजुर्ग उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित था। पिछले एक महीने से उनके हार्ट फंक्शन ठीक नहीं थे। एंजियोग्राफी पर उन्हें गंभीर रूप से कैल्सीफिक लेफ्ट मेन, ट्रिपल वेसल डिजीज के साथ गंभीर लेफ्ट वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन था। पहली बार में मरीज को कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (सीएबीजी) की सलाह दी गई, लेकिन मरीज ने ओपन हार्ट सर्जरी के लिए मना कर दिया। गंभीर हालत को देखते हुए इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डा. जीत राम कश्यप ने इम्पेला डिवाइस के जरिये इस उच्च जोखिम वाले एंजियोप्लास्टी को करने के विकल्प पर चर्चा की। इस नई तकनीक का उपयोग करने वाला पहला संस्थान बना जीएमसीएच-32
डा. रेड्डी ने बताया कि इस नई तकनीक का उपयोग करने वाला पहला संस्थान बन गया है। बता दें कि इम्पेला तकनीक दिल्ली के कुछ केंद्रों के अलावा इस ऊपरी उत्तरी क्षेत्र में सिर्फ जीएमसीएच-32 के पास उपलब्ध है। इम्पेला के बारे में चर्चा करते हुए प्रो. एस रेड्डी और प्रो. जीत राम ने बताया कि यह एक बहुत ही नया मैकेनिकल सर्कुलेटरी असिस्ट डिवाइस है, जो 2.5 से 5.0 लीटर प्रति मिनट के कार्डियक आउटपुट को बनाए रखने में मदद करता है और असुरक्षित रक्तचाप को कंट्रोल करता है। उन्होंने बताया कि इम्पेला एकमात्र गैर-सर्जिकल हृदय पंप तकनीक है, जिसे यूएसएफडीए द्वारा पर्क्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (एंजियोप्लास्टी) से गुजरने वाले उच्च जोखिम वाले रोगियों के एक निश्चित समूह के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी समाधान के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जीएमसीएच-32 की डायरेक्टर प्रिसिपल जसबिदर कौर ने इस सर्जरी को सफल बनाने वाले सभी डॉक्टरों को बधाई दी।