CBSE 12th result 2020: पंजाब के विद्यार्थियों ने बदले पैटर्न व स्मार्ट Study से भरी उंची उड़ान
CBSE 12th result 2020 में पंजाब के विद्यार्थियों का प्रदर्शन शानदार रहा। शिक्षाविदों का कहना है कि बदले पैटर्न और स्मार्ट स्टडी से विद्यार्थियाें को बेहतर परीक्षा परिणाम मिला।
जालंधर/मोहाली/चंडीगढ़, जेएनएन। CBSE 12th result 2020 में इस बार पंजाब में 95 फीसद से ज्यादा नंबर लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या बीते वर्षों के मुकाबले काफी ज्यादा रही। बदले पैटर्न और स्मार्ट स्टडी ( Smart study) से पंजाब के विद्यार्थियाें ने CBSE 12th result 2020 में ऊंची उड़ान भरी है। शिक्षाविदों का मानना है कि मूल्यांकन के बदले पैटर्न व मेहनत के स्मार्ट तरीकों से ऐसा संभव हो पाया है। पेपरों का न होना भी इसका बड़ा कारण रहा।
सीबीएसई 12वीं के परीक्षा परिणाम में कोरोना काल में सामान्य विद्यार्थियों को मिला फायदा
शिक्षाविदों का कहना है कि कोरोना काल में पढ़ाई के बदले तरीकों से सामान्य विद्यार्थियों के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है। ऑनलाइन पढ़ाई सबके लिए नई प्रैक्टिस थी। विद्यार्थियों ने अपने स्तर पर भी इंटरनेट पर कई एप व एजुकेशन प्रोग्राम खोज कर पढ़ाई की।
वहीं, मेधावी विद्यार्थियों को इस बात का मलाल है कि उनके नंबर भी पढ़ाई में अपेक्षाकृत पढ़ाई में कमजोर बच्चों जितने ही आए हैं। शिक्षाविदों का कहना है कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों को उम्मीद से ज्यादा नंबर मिले हैं, लेकिन उन विद्यार्थियों को कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि उनको भी समान रूप में नंबर दिए गए।
मोहाली स्थित ज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट के चेयरमैन जीएस बेदी ने कहा कि पहले सीबीएसई के परीक्षा परिणाम की माॄकग थ्री टायर होती थी। यानी तीन पेपर चेक किया जाता था, इस बार ऐसा नहीं हुआ। पेपर भी पूरे नहीं हो पाए। जिनका परिणाम 95 फीसद से ज्यादा है, वह नीट से लेकर जेईई मेन्स एडवांस से लेकर बड़े-बड़े कॉलेज में एडमिशन के लिए अप्लाई करेंगे।
शिक्षाविदों ने कहा- एक समान नंबर देने से होनहार विद्यार्थियों के लिए बढ़ी चुनौती
वहीं, चंडीगढ़ गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल फॉर गर्ल सेक्टर-18 की प्रिंसिपल राजबाला ने कहा कि पढ़ाई में तेज बच्चों और सामान्य बच्चों को बराबर नंबर दिए गए हैं। इससे होशियार बच्चों के लिए चुनौती बढ़ गई है। चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-21 की प्रिंसिपल सुखपाल कौर ने कहा कि जिन्हें लग रहा है कि नंबर कम मिले हैं, वह दोबारा एग्जाम दे सकते हैं।
चंडीगढ़ के सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-44 की प्रिंसिपल मोनिका चावला व भवन विद्यालय स्कूल की वाइस प्रिंसिपल सुपर्णा बंसल ने कहा कि होशियार बच्चों को परिणाम में घाटा रहा है। मेडिकल व नॉन मेडिकल के स्टूडेंट्स के एक से दो एग्जाम रह गए थे। स्टूडेंट्स हर सब्जेक्ट में एक जैसा नहीं होता। यदि कोई फिजिक्स या कैमिस्ट्री विषय में कमजोर है तो आइटी में होशियार भी हो सकता था। आइटी का एग्जाम नहीं हुआ था। वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी हरबीर आनंद ने कहा कि बारहवीं में पांच विषय होते हैं। सभी में विद्यार्थियों का स्तर एक जैसा नहीं होता। यदि जुलाई में एग्जाम होते तो परिणाम का स्तर गिर सकता था।
क्या कहते हैं टॉपर
99 फीसद अंक लेकर जालंधर जिले में टॉप करने वाली आभ्या अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने कोरोना काल में भी पढ़ाई का शेड्यूल नहीं बिगडऩे दिया और नेगेटिविटी हावी नहीं होने दी। लुधियाना के मॉडल टाउन एक्सटेंशन की गुरवीन ने कहा कि उन्हें प्रैक्टिस पेपर्स से काफी फायदा मिला। उन्होंने 99.8 फीसद अंक लिए।
लुधियाना के गुरदेव नगर की जैसमीन और हैबोवाल की अमीषा के अनुसार उन्होंने देर रात तक पढ़ाई की और इनोवेटिव तरीके अपनाए। रिवीजन पर विशेष फोकस किया। होशियारपुर के मेडिकल स्ट्रीम के तन्मय सैनी और पटियाला के प्रबलदीप सिंह के अनुसार उन्होंने आठ से दस घंटे अध्ययन किया। नए तरीके से अंक जरूर बढ़े हैं। कुछ विषयों में उम्मीद से बढ़कर अंक मिले।