¨हसा व मारपीट में लिप्त छात्र नेताओं की लिस्ट तैयार, गलती की तो नपेंगे
पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनावों को लेकर पुलिस कोई भी रिस्क नहीं चाहती है। किसी भी तरह की ¨हसा या मारपीट की घटना में शामिल रहे छात्र नेताओं पर यूटी पुलिस की नजर है।
डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनावों को लेकर पुलिस कोई भी रिस्क नहीं चाहती है। किसी भी तरह की ¨हसा या मारपीट की घटना में शामिल रहे छात्र नेताओं पर यूटी पुलिस की नजर है। जिन छात्र नेताओं के दामन पर ¨हसा के छींटे है। इनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। ज्यादातर नेताओं का तो पीयू में दाखिला ही नहीं है, लेकिन पीयू में कई दिनों से टिके हुए हैं। इनमें सोई, एसएफएस और पुसू संगठनों के कई नेता शामिल हैं। प्रशासन के आउटसाइडर्स के एंट्री बैन के दावे भी हवा हो गए हैें। पुलिस विभाग ने ऐसे वर्तमान और पूर्व छात्र नेताओं की लिस्ट तैयार की है जो ¨हसा, मारपीट , सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, गोली चलाने और जान से मारने की कोशिश के मामलों में शामिल रहे हैें। सोई प्रेजिडेंट पर मारपीट का मामला
एनएसयूआइ प्रेसिडेंट गुरजोत पर मारपीट का मामला है। उनकी गतिविधियों पर पुलिस विभाग लगातार नजर रख रही है। नवंबर 2017 में उनके ही संगठन के एक नेता के साथ मारपीट में नाम आया। नेता को काफी चोट आई थी। रोबिन बराड़ पर विशेष नजर
सोई संगठन के रोबिन बराड़ पर कई मामले दर्ज हुए हैें। वो अप्रैल 2010 में ¨हसा में लिप्त रहे हैं। इसके बाद अगस्त 2011 और जुलाई 2014 में भी केस इनके खिलाफ दर्ज हुए। यूआइईटी के एक स्टूडेंट को थप्पड़ मारने का मामला भी सामने आ चुका है। इनके अतीत को देखते हुए इन पर विशेष नजर रखी जा रही है। ये फिलहाल कैंपस में संगठन के गतिविधियों में शामिल हो रहे हैें। इन पर अलग अलग मामलों में 147,148, 307 323, 341 और 506 धारा के तहत मामले दर्ज हो चुके हैें। विक्की मिड्डूखेड़ा भी अंडर सर्विलांस
सोई पार्टी के ही विक्की मिड्डूखेड़ा पर भी पुलिस और इंटेंलीजेंस की नजर है। इन पर भी मारपीट और ¨हसा का केस दर्ज हो चुका है। इसके अलावा लॉ एंट्रेंस में मोबाइल के इस्तेमाल करते पाए जाने पर इन पर एंट्रेंस में तीन साल नहीं बैठने देने का बैन लग चुका है। धारा 147, 147 व 307 के तहत इन पर मामला दज हो चुका है। दमन के दामन पर भी दाग
एसएफएस के दमनप्रीत पर तो पुलिस की विशेष नजर है। 11 अप्रैल 2017 को पीयू में हुई पत्थरबाजी में इनका नाम सबसे आगे है। पीयू प्रशासन और इनके बीच छत्तीस का आंकड़ा सर्वविदित है। पत्थरबाजी केस अब भी चल रहा है। इसके अलावा एक अन्य केस में भी इनका नाम आ चुका है। फिलहाल ये कैंपस में ही नजर आते हैं लेकिन प्रत्यक्ष रुप से पार्टी की गतिविधियों से बच रहे हैें। सोई के मीत पर भी नजर
सोई पार्टी के सीनियर नेता मीत जटाना भी ¨हसा के कई मामलों में लिप्त रहे हैं। 2014 में पुसू के बीच हुई जमकर ¨हसा में ये सबसे आगे रहे। इसके अलावा डीएवी में सोपू पार्टी में रहते लड़ाई के मामलों में संलिप्त रहे। फिलहाल भी पीयू में डेरा डाले हैें और कहीं इनका दाखिला नहीं है। नवल पर 6 मामले, पुलिस सतर्क
पुसू संगठन के नवल पर अब तक छह मामले दर्ज हो चुके हैें। इनमें से दो तो अब तक चल रहे हैें। 2014 में सोई पार्टी के साथ ¨हसा में इनका नाम भी आया था। 8 अप्रैल 2016 को मनप्रीत पर गोली चलने के मामले में इन पर केस दर्ज हुआ। जीजीएसयू संगठन के साथ मारपीट और गाड़ी तोड़ने के मामले में भी इनका नाम रहा। एनएसयूआइ के जुगनू भी पीछे नहीं
एनएसयूआइ संगठन के जुगनू भी सोपू में रहते हुए लड़ाई में लिप्त रहे। इसके बाद सिंतबर 2017 में भी स्टूडेंट सेंटर के सामने वाली पार्किग में हुई मारपीट में इनका नाम सामने आया था, हालांकि मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा। एनएसयूआइ के धड़ों में से एक पर इनका होल्ड है। ऐसे में इन पर भी नजर रखी जा रही है। एसएफएस के हरमन भी अंडर सर्विलांस
फिलहाल एसएफएस संगठन की बागडोर संभाल रहे हरमन भी पुलिस विभाग की निगाहों में हैं। इनका नाम भी पत्थरबाजी में शामिल स्टूडेंट्स में सबसे आगे है। केस अब भी चल रहा है। एसएफएस संगठन के ज्यादातर नेताओं को लेकर पुलिस सचेत है। सोई के रशपाल हक्कूवाला भी पुलिस की नजर में
सोई संगठन के रशपाल हक्कूवाला भी धारा 147, 148 व 149 के तहत ¨हसा में मामलों में लिप्त रहने वालों में आगे हैं। जुलाई 2014 में इन पर मारपीट का मामला दर्ज हो चुका है। 2014 में ही यूआइईटी में एक स्टूडेंट को थप्पड़ जड़ने के मामले में शामिल पाए गए। इनको लेकर भी पुलिस सतर्क है।
जो छात्र नेता ¨हसा, मारपीट की वारदात में लिप्त रहे हैं, उन पर हमारी कड़ी नजर है। पीयू के ऐसे छात्र नेताओं की लिस्ट बना दी है। उपरोक्त छात्र नेताओं पर तो विशेष नजर है। इन सबका नाम लिस्ट में सबसे उपर है। अगर किसी ने गलती की तो हम सख्त एक्शन से पीछे नहीं हटेंगे।
कृष्ण कुमार वर्मा, डीएसपी