पंचकूला व मोहाली के छात्रों से संवाद करेंगे चंडीगढ़ के छात्र
विशाल पाठक, चंडीगढ़ चंडीगढ़ के प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूलों में 10वीं से 12वीं कक्षा तक
विशाल पाठक, चंडीगढ़
चंडीगढ़ के प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूलों में 10वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी जल्द ही पंचकूला और मोहाली के ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में वहां के छात्रों से संवाद करते नजर आएंगे। इसको लेकर यूटी शिक्षा विभाग इंटरेक्शन प्रोग्राम बनाने की तैयारी कर रहा है, ताकि गांव के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले और शहर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ संवाद कार्यक्रम के जरिए शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी अहम जानकारी व अनुभव ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों तक पहुंचाई जा सके। साथ ही इस इंटरेक्शन प्रोग्राम के जरिए ग्रामीण इलाके के छात्रों को नए कोर्स और पर्सेनलिटी डेवलपमेंट कोर्स भी कराएं जाएंगे।
यूटी शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 अगस्त को यूटी प्रशासन को चंडीगढ़ के छात्रों को पंचकूला व मोहाली के ग्रामीण सरकारी स्कूलों के छात्रों से संवाद करवाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चंडीगढ़ में शिक्षण संस्थानों की भरमार है। यहा के प्राईवेट संस्थानों के बच्चों को पंचकूला व मोहाली में स्थित सरकारी सरकारी स्कूलों के बच्चों से संवाद करवाया जाना चाहिए। इस दौरान वे अपनी किताबें, अनुभव व आइडिया साझा करे।
हाईकोर्ट के आदेशों की नहीं माना तो लगाया जुर्माना
यूटी के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा प्रशासन को सरकारी व प्राईवेट शहरी स्कूलों के छात्रों का भी ग्रामीण सरकारी स्कूलों के छात्रों से छात्रों से संवाद का आदेश दिया गया था। हरियाणा ने आदेश का पालन कर दिया, लेकिन पंजाब ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में पंजाब सरकार पर 40 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया था। हाईकोर्ट ने इस राशि को मोहाली के सियोंक गाव में रहने वाली विधवा महिला के लिए मकान बनाने में खर्च करने के आदेश दिए थे। इस महिला का केवल एक ही बेटा है और वह भी दिव्याग।
संस्कृति, विचारधारा और जीवनशैली का होगा आदान-प्रदान
हाईकोर्ट ने चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा प्रशासन को जारी आदेशों के अनुसार तीनों को इंटरेक्शन प्रोग्राम तैयार कर तीन नवंबर तक कोर्ट में सबमिट करने के लिए कहा गया है। साथ ही उस पर स्टेट्स भी पेश करना होगा। कोर्ट का मानना है कि ऐसे इंटरेक्शन प्रोग्राम से बच्चों को आपस में संवाद करने से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इससे एक ओर गाव के छात्र शहरी छात्रों से सीख सकेंगे तो दूसरी ओर शहरी छात्र भी ग्रामीण जीवन को देख सकेंगे