पीयू के ऑनलाइन सेशन अटेंड नहीं कर पा रहे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व लद्दाख के छात्र; जानें वजह
पीयू के अधिकतर विभाग अध्यक्ष का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई में ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं जुड़ पा रहे। कई विभागों के टीचर्स का कहना है कि छात्र जानबूझकर क्लास में उपस्थित नहीं हो रहे।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी में आगामी सत्र को लेकर ऑनलाइन सेशन सोमवार से शुरू हो गया, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में स्टूडेंट्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पीयू अथॉरिटी ने नए सत्र के लिए ऑनलाइन पढ़ाई कराने का निर्णय लिया था लेकिन स्टूडेंट्स को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। इसका सबसे बड़ा कारण खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी है। जिन स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा नेटवर्क में समस्या आ रही है वह पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के स्टूडेंट्स है। पीयू के अधिकतर विभाग अध्यक्ष का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई में ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं जुड़ पा रहे हैं। मंगलवार को सत्र का दूसरा दिन भी खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी की भेंट चढ़ा।
रुक-रुक कर चल रही वीडियो, नहीं आ रहा कुछ समझ
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा करवाई जा रही हो ऑनलाइन पढ़ाई में वीडियो बार-बार रुक जाती है। ऐसा खराब नेटवर्क की वजह से हो रहा है। रुक रुक कर वीडियो चलने की वजह से जो स्टूडेंट्स को पढ़ाया या समझाया जा रहा है उसके बारे में भी स्टूडेंट्स को पता नहीं लग पा रहा।
ऑनलाइन क्लास में नहीं जुड़ रहे ज्यादा स्टूडेंट्स
पंजाब यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन क्लास की अगर बात करें तो पिछले दो दिनों में मात्र 30 फीसद बच्चे ही ऑनलाइन क्लास से जुड़े हैं। ऐसे में विभाग अध्यक्ष और जो टीचर्स ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाना चुनौती बन रहा है। दूसरे दिन भी ऑनलाइन क्लास का यही हाल रहा। इस दौरान तकरीबन 55 फीसद स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास में उपस्थित नहीं हुए।
नेटवर्क की होगी मॉनिटरिंग
स्टूडेंट्स को आ रही ऑनलाइन समस्या सही बात है या नहीं इसकी जांच की जाएगी। सूत्रों के अनुसार कैंपस के कई विभागों के टीचर्स ने लिख कर दिया है कि स्टूडेंट्स जानबूझकर क्लास में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी जिस एरिया में स्टूडेंट्स रहे हैं वहां के नेटवर्क की जांच करेगा।
जल्द गठित होगी टीम
सूत्रों के अनुसार नेटवर्क की मॉनिटरिंग के लिए जल्द ही पीयू अथॉरिटी और तकनीकी विशेषज्ञों की एक बैठक आयोजित होगी। जिसमें तकनीकी टीम का गठन किया जाएगा और वही टीम स्टूडेंट्स के एरिया की मॉनिटरिंग करेगी।