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पीयू में बढ़ेगी स्टूडेंट्स की फीस, छात्र संगठनों ने भी संभाला मोर्चा

लॉकडाउन में लोगों के सामने सबसे बड़ी परेशानी नौकरी और बच्चों की फीस देने की बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:11 AM (IST)
पीयू में बढ़ेगी स्टूडेंट्स की फीस, छात्र संगठनों ने भी संभाला मोर्चा
पीयू में बढ़ेगी स्टूडेंट्स की फीस, छात्र संगठनों ने भी संभाला मोर्चा

वैभव शर्मा, सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : लॉकडाउन में लोगों के सामने सबसे बड़ी परेशानी नौकरी और बच्चों की फीस देने की बनी हुई है। जहां एक ओर पहले शहर के प्राइवेट स्कूलों ने फीस में बढ़ोतरी कर दी है, वहीं अब पंजाब यूनिवर्सिटी भी फीस बढ़ाने जा रहा है। शनिवार को सिडिकेट बैठक का आयोजन हो रहा है। इस बैठक में पीयू के ट्रेडिशनल और सेल्फ फाइनेंसड कोर्स की फीस में पांच से सात फीसद की बढ़ोतरी होनी तय है। वहीं इस फैसले के विरोध में छात्र संगठनों ने मोर्चा संभाल लिया है। लॉकडाउन के बाद कई लोगों की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं है, ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए बढ़ी फीस देना मुश्किल होगा। पीयू सीनेट हॉल में फिजिकल डिस्टेंसिग को ध्यान में रखते हुए सभी सदस्यों को बैठाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार सिडिकेट में इस बार फीस बढ़ोतरी कर एजेंडा सबसे पहला जाया जाएगा। पिछले तीन महीनों से यह एजेंडा सिडिकेट में लंबित पड़ा है। वहीं कई सिडिकेट सदस्य फीस बढ़ोतरी के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में अंदेशा लगाया जा रहा है कि बैठक में इस मुद्दे को लेकर हंगामा होना तय है। डीएसडब्लयू बनने के लिए डॉ. देवेंद्र सिंह का नाम

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बैठक में डीन वेलफेयर स्टूडेंट मेन और वुमेन चुने जाएंगे। डीएसडब्ल्यू मेन के लिए लॉ फैकेल्टी में नियुक्त डॉ. देवेंद्र सिंह का नाम चलेगा। वहीं डीएसडब्ल्यू वुमेन के लिए जूलॉजी विभाग के डॉ. सुखवीर कौर का नाम बैठक में आएगा। उल्लेखनीय है कि पीयू के वर्तमान डीएसडब्ल्यू डॉक्टर इमैनुअल नाहर 31 मई को इस पद से रिटायर हो रहे हैं। पीयू नियमों के अनुसार पीयू में कार्यरत प्रोफेसर 60 साल की उम्र तक ही डीएसडब्ल्यू रह सकता है। डॉ. देवेंद्र सिंह का नाम भले ही सिडीकेट में डीएसडब्ल्यू बनने के लिए आ रहा है लेकिन इस नाम पर बवाल होना भी निश्चित है, क्योंकि इन्हें पूर्व सांसद और भाजपा नेता सत्यपाल जैन का करीबी माना जाता है। अगस्त और सितंबर माह में होगा पीयू में नया सत्र शुरू

पीयू में जुलाई माह में परीक्षा लेने का फैसला ले लिया गया है। इसके अलावा अगस्त या फिर सिंबर माह में पीयू में एडमिशन सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में जो स्टूडेंट्स पीयू में दाखिला लेने का मन बना रहे हैं या फिर प्रमोट होंगे, उन्हें बढ़ाकर फीस देनी होगी। स्टूडेंट्स की प्रतिक्रियाएं

पीयू प्रशासन की फीस बढ़ोतरी का फैसला लेना गलत है। अगर ऐसा होता है तो इसका विरोध किया जाएगा। लोगों की आर्थिक हालात ठीक नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए बढ़ी फीस देना मुश्किल होगा।

-(प्रिया शर्मा, सचिव एबीवीपी पीयू इकाई) स्टूडेंट्स कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पहले ही बहुत पेरशान और पीयू प्रशासन फीस बढ़ाकर उनको और ज्यादा परेशान कर रहा है। पीयू प्रशासन को फीस बढ़ाने का फैसला नहीं लेना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो इस फैसले का विरोध किया जाएगा।

-(हिमांशी लपानिया, ग‌र्ल्स विग इंचार्ज, इनसो) लॉकडाउन में व्यापार बंद है। लोगों को सैलरी नहीं मिल रही है, रोजगार छिन गए है। ऐसे में फीस को बढ़ाने का फैसला बिल्कुल गलत है।

-(शौर्य मेहरा, स्टूडेंट यूआइएलएस, पीयू) पीयू प्रशासन में कई अधिकारी ऐसे हैं जिनके बच्चे अभी पढ़ रहे हैं। जिनका व्यापार नहीं रहा और जिनकी तनख्वाह नहीं मिली उन पेरेंट्स की जगह अपने आपको रख कर देंखे।

-(आरोही मित्तल, स्टूडेट यूआइईटी, पीयू)


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