Corona मरीजों के इलाज से इन्कार करने वाले अस्पतालों पर गिरेगी गाज, रद हो सकता है लाइसेंस
पंजाब में कोराेना के खिलाफ जंग के दौरान कुछ निजी अस्पतालों के रवैये पर कैप्टन सरकार सख्त कदम उठाएगी। कोराेना मरीजों का इलाज करने से इन्कार करनेवाले अस्पतालों पर कार्रवाई होगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब सरकार कोरोना के खिलाफ जंग के बीच कुछ निजी अस्पतालों के रवैये से नाराज है। इस संकट की घड़ी में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा कोराेना मरीजों का इलाज करने से इन्कार करने के मामले सामने आए है। कुछ प्राइवेट अस्पतालों की ओर से अपनी सेवाएं बंद करने का गंभीर नोटिस लेते हुए सरकार ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को कोविड-19 से पीडि़त मरीजों का इलाज करने से इन्कार करने वाले अस्पतालों के लाइसेंस रद कर देने चाहिए। इसको बुजदिली वाली कार्रवाई बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नाजुक समय में वह छिपकर नहीं बच सकते। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंत्रिमंडल की बैठक में बताया गया कि एक बार जब तेजी से जांच करने वाली किटें आ गईं तो तेजी से जांच शुरू कर दी जाएगी। विभाग ने प्रभावित स्थानों पर कम्युनिटी टेस्टिंग शुरू कर दी है।
255 जमातियों में से 192 की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि निजामुद्दीन से लौटे लोगों के संपर्क में आने वालों का तेजी से पता लगाया जा रहा है। राज्य को हासिल हुई 255 जमातियों की सूची में से 192 की जांच कर उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। विदेश से लौटने वालों के साथ-साथ हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स, पुलिस जैसी अधिक-जोखिम वाली श्रेणियों का भी पता लगाया जा रहा है। अब तक अधिक जोखिम वाले 846 कर्मियों समेत 1600 लोगों के संपर्क का पता लगाया जा चुका है, जिनमें से 34 पॉजिटिव पाए गए हैं।
हर अस्पताल को 1000 पीपीई किटें
विभाग ने बताया कि स्वास्थ्य कामगारों के लिए पर्याप्त पीपीई किट हैं। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रत्येक सरकारी अस्पताल में 1000 पीपीई किट मुहैया करवाई जा रही हैं। 5000 अलग बेडों की व्यवस्था की गई है। हॉस्टलों समेत इमारतों को अपने कब्जे में लिया जा रहा है। रा'य ने 20,000 मामलों के लिए योजना बनाई है।
20 औद्योगिक इकाइयां तैयार करेंगी किटें, मास्क
सप्लाई को और बढ़ाने के लिए पीपीई किटें और एन-95 मास्क बनाने के लिए 20 उद्योगों की पहचान की गई है। इनमें से पांच को मंजूरी भी दी जा चुकी है। इसी तरह कम कीमत पर वेंटीलेटर बनाने के लिए व आधे दर्जन उद्योगों की पहचान की गई है।
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सरकारी विभागों को खर्च घटाने के निर्देश
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर किसी संभावित मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी विभागों को अपने नियमित खर्च कम करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अगले कुछ हफ्तों में अपने खर्चों में कटौती के प्रस्ताव 8 अप्रैल तक सरकार को सौंपने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और वर्तमान परिस्थितियों में स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य संबंधित विभागों में अतिरिक्त खर्च के चलते अधिक संसाधन जुटाए जाने की जरूरत है। अतिरिक्त राजस्व प्राप्त करने की संभावना न होने के चलते फिलहाल खर्चों में कटौती करना ही एकमात्र उपाय है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बताया कि अप्रैल में राज्य सरकार को लगभग 5000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने की संभावना है, पेट्रोलियम पदार्थों व जीएसटी से होने वाली राजस्व प्राप्ति में भी आने वाले दिनों में और कमी आ सकती है।
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