अथक प्रयास, पॉजिटिव विचार और असीम धैर्य है सफलता के टिप्स : आनंद कुंमार Chandigarh News
आनंद कुमार खुद पर बनी फिल्म सुपर-30 की प्रमोशन के लिए शहर पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से मुलाकात और फिल्म को सिनेमा घरों में टैक्स फ्री करने की मांग की।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जीवन में सफल होने के चार प्रमुख टिप्स हैं। जो इनको जीवन में अपना लेता है वह कभी फेल नहीं होता है। यह शब्द सुपर-30 के संस्थापक आनदं कुमार ने कहे। आनंद कुमार शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यक्रम में भाग लेने पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने स्टूडेंट्स को कहा कि आपके अंदर प्रबल प्रयास होना जरूरी है। आप हमेशा पॉजिटिव होने चाहिए, अथक प्रयास और असीम धैर्य आपके अंदर होना चाहिए। यह बातें मैं सुपर-30 के क्लास स्टूडेंट्स को समझाता हूं। इसके कारण वह सफल भी होते हैं।
आनंद कुमार खुद पर बनी फिल्म सुपर-30 की प्रमोशन के लिए शहर पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से मुलाकात और फिल्म को सिनेमा घरों में टैक्स फ्री करने की मांग की। उसके बाद वह पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचे। आनंद कुमार बिहार के पटना से हैं। उन्होंने वर्ष 2002 में गरीब बच्चों को आइआइटी की कोचिंग देना शुरू की थी। आज तक 510 स्टूडेंट्स को कोचिंग दे चुके है जिसमें से 440 स्टूडेंट्स को पढ़ाई करने के बाद नौकरी भी मिल चुकी है।
राजनीति से नहीं है कोई लेन-देन
आनंद कुमार स्टूडेंट्स से रू-ब-रू होने से पहले मीडिया से भी मिले। जहां पर उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने का उद्देश्य कोई पैसा कमाना या फिर राजनीति स्वार्थ को पूरा करना नहीं है। मैंने जिस प्रोजेक्ट को बहुत छोटे स्तर पर शुरू किया था वह आज पूरा भारत देख रहा है और उसकी सराहना कर रहा है। इस फिल्म से सैकड़ों बच्चे मोटिवेट हो रहे हैं। मेरी पर बनी हुई फिल्म से यदि बच्चों की जिंदगी बदल सकती है तो इससे बड़ी कोई उपलब्धि नहीं हो सकती है।
छठी से बारहवीं कक्षा के लिए स्कूल खोलने का है सपना
सुपर-30 की सफलता के बाद एक स्कूल खोलना चाहता हूं जो कि सुपर-30 की तर्ज पर बनेगा। हालांकि उस स्कूल में हर स्ट्रीम के स्टूडेंट्स तैयार नहीं किए जाएंगे। यह बोर्डिंग स्कूल होगा। जहां पर एंट्रेंस टेस्ट लेकर एडमिशन मिलेगा और उसके बाद उसे फ्री में एजुकेशन दी जाएगी। यह सपना इसलिए देख रहा हूं क्योंकि सैकड़ों बच्चे आज भी ऐसे हैं जो कि दूसरे क्षेत्रों में जाना चाहते है लेकिन उन्हें वहां तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है। सैकड़ों बच्चों के माता-पिता मेरे पास आते है। इसके लिए फंडिंग सबसे बड़ी समस्या है। जिसके लिए काम कर रहा हूं।
आधुनिक शिक्षा में सुधार के लिए टीचिंग तकनीक में अपग्रेडेशन की जरूरत
आनंद कुमार ने कहा कि आज के समय में शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए सरकार सैकड़ों प्रयास कर रही है लेकिन वह तब तक सफल नहीं हो सकते जब तक टी¨चग तकनीक अपग्रेड नहीं होगी। टीचर्स कई साल पहले पढ़ाई कर चुके हैं। वह नई तकनीकों से अनजान है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को इस पर काम करने की जरूरत है। क्यों और कैसे को समझने वाले के लिए आसान है मैथ आनंद कुमार मैथ के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि मैथ को हल करने का सबसे बेहतर तरीका है कि हम मैथ के क्यों और कैसे को समझें। जब तक हम क्यों और कैसे को नहीं समझते तब तक उससे डर लगता रहेगा। मैथ पढ़ाने वाले टीचर्स से अपील है कि बच्चों को रट्टा मरवाने से बेहतर है कि क्यों और कैसे का फार्मूला समझा दें। आपका काम आसान हो जाएगा।
फिल्म में पढ़ाने के तरीकों के अलावा भाई-भाई और बेटा पिता के संबंधों पर डाला गया है प्रकाश
फिल्म के बारे में आनंद कुमार ने बताया कि फिल्म में जहां पर मेरे पढ़ाने के तरीके पर प्रकाश डाला गया है वहीं पर इसमें भाई-भाई और बेटा-पिता, मां बेटे के रिश्ते पर प्रकाश डाला गया है। पिता की आमदन ज्यादा नहीं थी जिसके कारण मैं कभी इंग्लिश स्कूल में पढ़ाई नहीं कर पाया लेकिन मुझे पिता से कोई गिला-शिकवा नहीं है। पिता के देहांत के बाद मां पापड़ बनाती थी और मैं और मेरा भाई दोनों मिलकर उसे बेचकर घर कर खर्च चलाते थे। जब सुपर-30 को शुरू किया तो भाई ने कभी रोक-टोक नहीं की बल्कि वह हर मदद की जो कि उसे सफल बना सकती थी और आज भी वह मेरे साथ है।
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