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PGI के 3500 कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं अस्त-व्यस्त Chandigarh News

यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो संघर्ष और तेज किया जाएगा और 6-9 सितंबर को भी 24 घंटे की हड़ताल की जाएगी।

By Edited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 09:33 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 11:24 AM (IST)
PGI के 3500 कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं अस्त-व्यस्त Chandigarh News
PGI के 3500 कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं अस्त-व्यस्त Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर पीजीआइ कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों ने सोमवार से दो दिनों की हड़ताल शुरू कर दी। 3500 वर्करों की हड़ताल से पीजीआइ के लगभग हर विंग में काम प्रभावित हुआ है। ओपीडी, वार्ड व इमरजेंसी में साफ-सफाई नहीं हुई। मरीजों को खाना भी देर से मिला। हड़ताल मंगलवार को भी जारी है।

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इससे पहले पीजीआइ डायरेक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने वर्करों के साथ वार्ता कर हड़ताल स्थगित करने का प्रयास किया, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो संघर्ष और तेज किया जाएगा और 6-9 सितंबर को भी 24 घंटे की हड़ताल की जाएगी।

सफाई व्यवस्था चौपट

हड़ताल के कारण पीजीआइ के वार्ड और इमरजेंसी में जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहा। शौचालय की सफाई नहीं हुई। बायोमेडिकल वेस्ट का ठेला सिक्योरिटी गार्ड ले जाते नजर आए। किचन में तैनात 80 प्रतिशत वर्करों के न आने से मरीजों को खाना मिलने में भी घंटों देरी हुई। अपनी मांग के समर्थन में कॉन्ट्रेक्ट वर्करों ने पीजीआइ परिसर में एकत्र होकर नारे लगाए। उनका आरोप है कि पीजीआइ प्रशासन उनकी अनदेखी कर रहा है।

डेढ़ माह से चल रहा है आंदोलन

पीजीआइ कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के सचिव देवराज का कहना है कि 46 दिन से पीजीआइ में हम क्रमिक भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीजीआइ प्रशासन उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रहा है। इसीलिए हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा। वार्ता के दौरान कहा गया है कि हमने बिना सूचना दिए हड़ताल की है जबकि हम 46 दिनों से इसकी सूचना दे रहे हैं।


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