पंजाब में ड्रग्स और आतंकी संबंधों की जांच के लिए केंद्र ने बनाई एसटीएफ
पंजाब में केंद्र सरकार ने ड्रग्स के मामलों की जांच के लिए एसटीएफ का गठन कर दिया है। एसटीएफ ड्रग्स और आतंकी संबंधों की जांच करेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में ड्रग्स के मामलों की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) बनाए जाने के लगभग दो साल बाद अब केंद्र सरकार ने ड्रग्स के मामलों की जांच के लिए एसटीएफ का गठन कर दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को यह जानकारी शुक्रवार को केंद्र सरकार के वकील मनिंदर सिंह ने दी। केंद्र द्वारा बनाई गई एसटीएफ ड्रग्स और आतंकी संबंधों की जांच करेगी।
चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एबी चौधरी की खंडपीठ के समक्ष पंजाब में ड्रग्स मामलों की शुक्रवार को सुनवाई हुई। अदालत को बताया गया कि पंजाब और राजस्थान में ड्रग्स के मामलों के लिंक कश्मीर की सीमा से भी जुड़ते हैं। केन्द्र की एसटीएफ को सभी राज्यों में ड्रग्स से संबंधित केसों की जानकारी और विवरण भेजा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पंजाब ने सबसे पहले ड्रग्स के मामले में पिछले दो सालों में दर्ज किए गए 9800 मामलों की सूची दायर की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित पीठ के आदेशों के बाद इन सभी केसों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मामले दर्ज किए जाने हैं। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गठित की गई एसटीएफ का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक या कोई समकक्ष अधिकारी करेंगे।
असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल ने अदालत में हलफनामा दायर कर कहा कि ड्रग्स के मामलों में अब तक प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों द्वारा की गई जांच से यह महसूस किया जा रहा था कि इन सभी मामलों की जांच एक संयुक्त तौर पर की जाए। इन मामलों में सिर्फ राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि कहीं-कहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जांच की आवश्यकता महसूस की गई है।
एडवोकेट जनरल नंदा की टिप्पणी पर जताई आपत्ति
इस मामले में सुनवाई के दौरान एसटीएफ की रिपोर्ट को लेकर पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा की एक टिप्पणी पर वरिष्ठ वकीलों के बीच जोरदार बहस देखने को मिली। नंदा ने अदालत को बताया कि सरकार द्वारा एसटीएफ की रिपोर्ट पर कार्रवाई के संबंध में सीलबंद जवाब अदालत में पेश किया जा चुका है। यह जानना जरूरी है कि इस मामले में कौन सा वकील किस पक्ष की पैरवी कर रहा है क्योंकि यह मामला मुख्य मुद्दे से भटक गया है।
उन्होंने अदालत में बार-बार नई अर्जियां दायर किए जाने पर भी आपत्ति जताई। नंदा की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने इसे बार सदस्यों का अपमान बताया। पर बाद में चेतन मित्तल द्वारा नंदा के समर्थन में टिप्पणी करने पर गुप्ता और असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल के बीच भी ज़ोरदार बहस हुई।
कोर्ट में वकील भिड़े, चीफ जस्टिस उठकर चले गए
अदालत में वरिष्ठ वकीलों चेतन मित्तल और अनुपम गुप्ता के बीच बहस बढ़ती देख चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि कोर्ट का माहौल ठीक नहीं है। कोर्ट में ऐसे तनावपूर्ण माहौल में सुनवाई नहीं की जा सकती है। इसके बाद चीफ जस्टिस व जस्टिस एबी चौधरी कोर्ट से उठकर चले गए और सुनवाई स्थगित कर दी। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निरंजन सिंह, डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय और मोगा के पूर्व एसएसपी राजजीत सिंह भी अदालत में मौजूद थे।