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चंडीगढ़: स्कूल में लगाई बलिदानी मेजर अनुज राजपूत की प्रतिमा, दोस्त बोले- आज भी उसे करता हूं वाट्सएप मैसेज

सेक्टर-26 स्थित सेंट जोन हाई स्कूल में हरियाणा के राज्यपाल बंड़ारू दत्तात्रेय ने बलिदानी मेजर अनुज राजपूत की प्रतिमा का अनावरण किया। अनुज राजपूत इसी स्कूल में पढ़े हैं। बीते साल 21 सितंबर को जम्मू- कश्मीर के ऊधमपुर के पटनीटाप में उनका हेलिकाप्टर क्रैश हो गया था।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Tue, 18 Oct 2022 08:10 PM (IST)Updated: Tue, 18 Oct 2022 08:10 PM (IST)
चंडीगढ़: स्कूल में लगाई बलिदानी मेजर अनुज राजपूत की प्रतिमा, दोस्त बोले- आज भी उसे करता हूं वाट्सएप मैसेज
मेजर अनुज राजपूत अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-26 स्थित सेंट जोन हाई स्कूल में हरियाणा के राज्यपाल बंड़ारू दत्तात्रेय ने बलिदानी मेजर अनुज राजपूत की  प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज 1962 का भारत नहीं है। देश किसी भी चुनौती से निपटने लिए पूरी तरह से तैयार है। बावजूद इसके कोई देश तभी सुरक्षित रह सकता है, जब उसके नागरिक अपने सैनिकों व बलिदानियों को सम्मान दे।

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बलिदानी मेजर अनुज राजपूत अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे। बावजूद उनके पिता केएस आर्य और माता ऊषा आर्य ने उन्हें सेना में भेजा, जहां उन्होंने ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देते उन्हें गौरवांवित किया। अनुज के माता पिता को कभी अकेलापन महसूस नहीं होना चाहिए, यह हम सबकी जिम्मेदारी है।

इस दौरान आर्मी एविऐशन के बिग्रेडियर सर्वजीत सिंह बावा, लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश कुमार भारद्वाज और सिविल मिलिट्री फेयर के एडवाइजर कर्नल जसदीप सिंह संधू मौजूद रहे। बलिदानी मेजर अनुज राजपूत ने अपनी पढ़ाई इसी स्कूल से पूरी की थी। इसके बाद एनडीए की पढ़ाई करने देहरादून चले गए थे। वर्ष 2015 में वह मेजर बन गए थे। पिछले वर्ष 21 सितंबर को जम्मू- कश्मीर के ऊधमपुर स्थित पटनीटाप में उनका हेलिकाप्टर क्रैश हो गया था।

प्रिंसिपल ने की अनुज राजपूत की पुरानी यादें साझा

सेंट जोन की प्रिंसिपल कविता सी दास ने एक वाकया साझा करते हुए सबको भावुक कर दिया। उन्होंने बताया कि पिछले साल स्कूल के एक छात्र की मौत हो गई। उसके कुछ दिन बाद उस छात्र के पिता उनसे मिलने आए। उन्होंने बताया कि मेरा बेटा मुझे सपने में आया था और वह स्कूल ग्राउंड में खेल रहा था। जब मैंने उसे घर चलने के लिए कहा तो उसने कहा पापा यह मेरा घर ही तो है, बताते वह फूट फूटकर रोने लगे। प्रिंसिपल ने भावुक होते हुए कहा कि बलिदानी अनुज राजपूत के लिए भी स्कूल भी उनका  घर ही है। अपनी छोटी सी जिदंगी में उन्होंने ज्यादा समय इसी स्कूल में बताया है। आज स्कूल में उनकी प्रतिमा लगी है। अब यह प्रतिमा स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को सेना में जाने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

दोस्त बोले आज भी करते हैं अनुज को वाट्सएप मैसेज

अनुज के साथ स्कूल के पढ़ने वाले और एनडीए पासआउट उनके दोस्त गुरबाज ने कहा कि आज भी जब उनके पास वाट्सएप पर कोई अच्छा मैसेज आता है, या फिर कोई दिन, त्योहार होता है तो वह अपने दोस्त को जरूर मैसेज देकर बधाई देते हैं। वह हमेशा मेरे दिल में रहेगा। वहीं अनुज के पड़ोसी व दोस्त आकाश ने बताया कि वह अक्सर अनुज के घर में जाकर उसके परिजनों से बात करते हैं। इसे मैं अपनी जिम्मेदारी समझता हूं। आंटी अंकल को भी मुझसे मिलकर अच्छा लगता है।

अनुज को बचपन से ही पसंद थे जहाज

स्कूल में फाइन आर्ट पढ़ाने वाले टीचर माइकल एंजिलो ने बताया कि लड़कों को गाड़ियां, टैंक और गन बनाना अच्छा लगता है। एक दिन अनुज ने हैलीकाप्टर बनाते हुए उन्हें कहा था कि वह इसे एक दिन जरूर इसे उड़ाएंगे। जब अनुज आर्मी के एविएशन विंग में पायलट बन गए तो उन्होंने मुझे अपनी बात याद दिलाते हुए कहा कि सर अब मैं सच हैलीकाप्टर को उड़ता हूं। 


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