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Citizenship amendment bill रोकना राज्य सरकार के बस में नहीं, हर हाल में करना होगा लागू

Citizenship amendment bill 2019 भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल राज्यों को हर हाल में लागू करना होता है। राज्य इसे रोक ही नहीं सकते।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 01:31 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 09:22 AM (IST)
Citizenship amendment bill रोकना राज्य सरकार के बस में नहीं, हर हाल में करना होगा लागू
Citizenship amendment bill रोकना राज्य सरकार के बस में नहीं, हर हाल में करना होगा लागू

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। Citizenship amendment bill 2019:  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नागरिकता संशोधन कानून को पंजाब में लागू न करने के दावे पर भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कहा है कि यह राजनीतिक बयान से ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यह विशुद्ध रूप से केंद्र का कानून है। इसे राज्यों को हर हाल में लागू करना होता है। राज्य इसे रोक ही नहीं सकते।

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उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल किया कि 2015 तक पाकिस्तान से जितने हिंदू, सिख और ईसाई भारत व पंजाब में आए हैं, क्या वह उन्हें नागरिकता देने के खिलाफ हैं? अगर वे पंजाब में नहीं आएंगे, तो कहां जाएंगे?

बाजवा कर रहे अहमदिया समुदाय को शामिल करने की मांग

सत्यपाल जैन ने सवाल किया कि जब इस बिल पर राज्यसभा में बहस चल रही थी तो उनकी पार्टी के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने उनके हलके कादियां में रहने वाले अहमदिया समुदाय को भी इस एक्ट के तहत नागरिकता देने के बारे में आवाज उठाई। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि एक तरफ कांग्रेस के सांसद इस एक्ट के तहत अहमदिया समुदाय को नागरिकता दिलवाने की बात कर रहे हैं और उसी पार्टी के मुख्यमंत्री इसके बारे में कह रहे हैंं कि इसे लागू नहीं किया जाएगा।

गृह मंत्रालय ने भी कहा, राज्य नहीं रोक सकते कानून को

नागरिकता संशोधन बिल-2019 को लागू न करने की कुछ राज्यों के दावों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए गृह मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि यह कानून संविधान की सातवीं अनुसूची में दर्ज संघीय सूची के तहत गठित किया गया है, इसलिए इसे लागू करने में आनाकानी करने की राज्यों के पास कोई शक्ति नहीं है।

क्या कहता है संविधान

पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों द्वारा इस बिल को असंवैधानिक बताने और इसे लागू न करने के बयानों पर अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारों के पास संघीय सूची में दर्ज विषयों पर केंद्र सरकार के बनाए कानून को नकारने का अधिकार नहीं है। संविधान की सातवीं अनुसूची में रक्षा, विदेशी मामले, रेलवे, नागरिकता और प्राकृतिकरण जैसे लगभग 97 विषयों को संघीय सूची में रखा गया है।

क्या कहा था कैप्टन ने

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बिल को भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वभाव के खिलाफ बताते हुए कहा था कि उनकी सरकार इस बिल को पंजाब में लागू नहीं होने देगी। कैप्टन ने कहा कि कांगे्रस के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत है और वे इस बिल को विधानसभा में रोक लेंगे।

कैप्टन बताएं, अफगानिस्तान के सिखों को नागरिकता के पक्ष में हैं या नहीं: सुखबीर

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि उनकी पार्टी नागरिक संशोधन बिल की पक्षधर है। उनकी मांग है कि इस बिल में मुसलमानों को भी शामिल किया जाए। कैप्टन अमरिंदर ने इस बिल का विरोध किया है, कैप्टन स्पष्ट करें कि अफगानिस्तान से आने वाले सिखों को कैप्टन भारतीय नागरिकता देने के पक्ष में हैं या नहीं। सुखबीर पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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