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PU में छह साल से साइकिल पर सफर करते हैं विक्रम नैयर, मकसद जान आप भी कर देंगे शुरुआत Chandigarh News

विक्रम का कहना है कि चंडीगढ़ को साइकिल वाली सिटी के नाम से जाना जाता है। यूरोप के देशों में पांच से छह किलोमीटर का सफर साइकिल से होता है तो पीयू में क्यों नहीं?

By Edited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 03:46 PM (IST)
PU में छह साल से साइकिल पर सफर करते हैं विक्रम नैयर, मकसद जान आप भी कर देंगे शुरुआत Chandigarh News
PU में छह साल से साइकिल पर सफर करते हैं विक्रम नैयर, मकसद जान आप भी कर देंगे शुरुआत Chandigarh News

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। साइकिल है तो कल है। प्रदूषण मुक्त कल के लिए आज से ही शुरुआत होनी चाहिए। जिसके लिए जीजान से जुटे हैं पंजाब यूनिवर्सिटी के फाइनेंस एंड डेवलपमेंट ऑफिसर (एफडीओ) विक्रम नैयर। विक्रम छह साल से यूनिवर्सिटी में साइकिल से सफर करते हैं। घर से लेकर ऑफिस और ऑफिस से लेकर यूनिवर्सिटी के किसी भी डिपार्टमेंट की बैठक में जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। विक्रम ने दैनिक जागरण संवाददाता को बताया कि चंडीगढ़ को साइकिल वाली सिटी के नाम से जाना जाता है। पंजाब यूनिवर्सिटी का माहौल भी ऐसा है कि यहां पर गाड़ियों के बजाय साइकिल चलाए जा सकते हैं। सड़कें बहुत बेहतर हैं। यूरोप के देशों में पांच से छह किलोमीटर का सफर साइकिल से होता है तो पीयू में क्यों नहीं?

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फिटनेस के लिए बेहतर है साइकिलिंग

विक्रम पंजाब के खन्ना शहर से संबंध रखते हैं। उन्होंने बताया कि खन्ना में हर काम साइकिल पर होता था। पीयू में नौकरी मिलने के बाद गाड़ी खरीदी लेकिन कैंपस में ही मकान मिल गया। घर से ऑफिस की दूरी एक किलोमीटर की है। ऐसे में मैंने खुद के स्वास्थ्य और पीयू को व्हीकल फ्री बनाने के लिए साइकिल पर चलना शुरू कर दिया। विक्रम ने बताया कि साइकिल चलाने के बाद बहुत ज्यादा रिफ्रेश महसूस करता हूं। मैंने गाड़ी भी चलाई है। पूरा दिन एसी और पंखे के नीचे बैठकर काम करना और उसके बाद गाड़ी में बैठकर घर पहुंचने से सुस्ती महसूस होती थी और कुछ भी करने में मन नहीं करता था। लेकिन जब से साइकिल चलाने लगा हूं तो खुद को फ्रेश महसूस करता हूं। पूरा दिन ऑफिस में बैठकर काम करने के बाद घर पहुंचता हूं तो भी फ्रेश लगता है।

दूसरों को भी करता हूं मोटिवेट

विक्रम खुद साइकिल चलाने के साथ-साथ दूसरों को भी मोटिवेट करते हैं। पीयू में फ्री साइकिल सुविधा देने का आइडिया भी इनका ही था। जिसके तहत सौ के करीब साइकिल पीयू में आ चुकी हैं और विभिन्न विभागों में रखी गई हैं ताकि स्टूडेंट्स और फैकल्टी उसका इस्तेमाल कर सकें। विक्रम पीयू के अलावा घर में अपनी दोनों बेटियों को भी साइकिल चलाने के लिए मोटिवेट करते हैं।

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