Move to Jagran APP

मोहाली में अवैध कॉलोनियों की जांच के लिए एसएसपी ने बनाई एसआइटी, दो साल में दूसरी बार बनी कमेटी

पिछले साल अक्टूबर में मोहाली के डीसी गिरीश दयालन ने बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान के लिए प्रमोटरों/बिल्डरों के खिलाफ जनता की शिकायतों के निवारण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति की अध्यक्षता मोहाली के अतिरिक्त उपायुक्त (सामान्य) ने की थी।

By Vinay KumarEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 03:43 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 03:43 PM (IST)
मोहाली में अवैध कॉलोनियों की जांच के लिए एसएसपी ने बनाई एसआइटी, दो साल में दूसरी बार बनी कमेटी
मोहाली में अवैध कॉलोनियों की जांच के लिए दो साल में दूसरे बार कमेटी बनाई गई है।

जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली के खरड़ सबडिवीजन में बन रही गैन कानूनी कालोनियों की जांच अब मोहाली पुलिस करेगी। इसके लिए पुलिस ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) बनाई है। दो साल में ये दूसरी कमेटी बनी है जो इस तरह के मामलों को देखेगी। ध्यान रहे कि पिछले साल अक्टूबर में मोहाली के डीसी गिरीश दयालन ने बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान के लिए प्रमोटरों/बिल्डरों के खिलाफ जनता की शिकायतों के निवारण के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति की अध्यक्षता मोहाली के अतिरिक्त उपायुक्त (सामान्य) ने की थी। कमेटी में एक पुलिस अधीक्षक (एसएसपी द्वारा नामित), गमाडा के अतिरिक्त मुख्य प्रशासक और नगर परिषदों व निगम के ईओ थे।

loksabha election banner

सहायक आयुक्त (शिकायत) सदस्य सचिव थे। लेकिन इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई। नतीजा ये रहा कि अवैध कॉलोनियां बनाने वालों के हौंसले बुलंद हो गए और कोविड के बीच जमकर अवैध कब्जे कर ड़ाले। उक्त कमेटी की कोई बैठक न होने का कारण भी कोविड महामारी ही बताया जा रहा है। उधर, अब नई गठित एसआइटी की कमान एसपी (ग्रामीण) रवजोत कौर को सौंपी गई है। ग्रेवाल के अलावा एसआइटी में दो डीएसपी मंजीत सिंह और जोगिंदर पाल सिंह को भी  सदस्य के रूप में शामिल किया है। जोकि इस मामले में अपनी रिपोर्ट देगी। ध्यान रहे कि करीब करीब दो सप्ताह पहले खरड़ में गैर कानूनी कॉलोनियों का निर्माण कर लोगों को फ्लैट्स व मकान बेचने के आरोप में 48 लोगों पर मामला किया गया था।

वहीं श्री आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी ने जिले में रियल एस्टेट माफिया का मुद्दा उठाया पिछले दिनों सूबे के मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया था। जिसके बाद ये कमेटी गठित होने की बात कहीं जा रही है। खरड़ क्षेत्र के झामपुर, बड़माजरा और बहलोलपुर गांवों में अनधिकृत आवासीय कॉलोनियां विकसित हो रही है। करीब 15 अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं जो बिना ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की अनुमति के बनी हैं। यहां कोई चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू) नहीं किया गया है।

ज्यादातर कॉलोनियां कृषि भूमि पर बनी हैं। कॉलोनियों को गमाडा की ओर से बार-बार तोड़ा गया लेकिन फिर से ढांचे खड़े कर दिए गए।  ज्यादातर मामलों में  बिल्डर्स  खरीददारों को कम दरों पर जमीन की पेशकश करते हैं। जिससे कम आय वर्ग के लोग योजना में रुचि लेते हैं। वे 100 वर्ग गज के प्लॉट के लिए बिल्डर को 5 से 7 लाख का भुगतान करते हैं। उस पर अपना घर बनाते हैं और फंस जाते है। गमाडा लोगों को बार बार आगृह कर रहा है कि वे किसी भी जगह प्रॉपर्टी लेने से पहले उसकी बेहतर तरीके से पड़ताल करे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.