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पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आज से, नए कृषि कानून बेअसर करने वाले विधेयक पर सस्पेंस

पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज शुरू होगा। इस सत्र में केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों बनाए गए कृषि कानूनों को राज्‍य में बेअसर करने के लिए कदम उठाया जा सकता है। इसके लिए विधेयक पेश किए जाने की संभावना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 08:59 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 08:59 AM (IST)
पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आज से, नए कृषि कानून बेअसर करने वाले विधेयक पर सस्पेंस
पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आज से होगा। (फाइल फोटो )

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज शुरू होगा। इस सत्र में नए कृषि सुधार कानूनों को पंजाब में बेअसर के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रस्ताव लेकर आएंगे या बिल, इस पर अब भी सस्पेंस है। मंत्रिमंडल और कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस बिल को लेकर गोपनीयता बरकरार रखी गई। रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया गया कि विधानसभा का विशेष सत्र अब दो दिन चलेगा। पहले एक दिन का सत्र बुलाने का फैसला किया गया था।

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मंत्रिमंडल की बैठक में नए कृषि कानूनों को बेअसर करने वाले संभावित बिल को लेकर चर्चा नहीं की गई परंतु मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को बिल लाने या इस संबंधी फैसला लेने के लिए सभी अधिकार दे दिए हैं। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री सीधे विधानसभा में बिल पेश कर सकते है। बताया गया है कि संभावित बिल मंगलवार को पेश किया जाएगा।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पंजाब भवन में करीब एक घंटा चली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में संभावित बिल पर विधायकों ने भी कैप्टन पर भरोसा जताया। कैप्टन के सलाह मांगने पर विधायकों ने कहा, 'आप से बहुत उम्मीदें है, जिस प्रकार आपने पानी के मामले में कानून बनाया था, वैसे ही इसका भी हल निकलेगा।' जबकि कुछ विधायकों ने यह भी कहा कि वह क्या सलाह दें, जब वह जानते ही नहीं कि सरकार कौन सा बिल लाने वाली है। इसके बाद हालाकि कैप्टन ने बिल को लेकर जानकारी नहीं दी परंतु कहा कि यह लड़ाई जारी रहेगी और राज्य सरकार इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाएगी।

पार्टी सूत्रों के अनुसार सरकार कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है। सरकार यह भी नहीं चाहती है कि केंद्र व राज्य सरकार में सीधे टकराव की स्थिति पैदा हो जाए और बिल ऐसा न हो कि वह संवैधानिक रूप से टिक न पाए। बिल लाने से पहले एलआर (कानूनी मशीर) नो¨टग होती है, यह देखा जाता है कि बिल संवैधानिक रूप से ठीक है या नहीं। उसके कानूनी पहलू भी देखे जाते हैं। अगर बिल पर एलआर की नो¨टग न होने तो उस बिल का कोई महत्व नहीं रह जाता है। इसी कारण मुख्यमंत्री कानूनी रूप से इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।

 आज यह बिल पेश होने की संभावना

- पंजाब भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मंढीमार, पनाही कदीम, सौंजीदार (मालिकाना अधिकारी देना) बिल, 2020

- पंजाब राज्य विजिलेंस कमीशन बिल, 2020

- दी रजिस्ट्रेशन (संशोधन) बिल

- पंजाब टिशू कल्चर बेसड सीड पटैटो बिल, 2020


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