सोनाली बेंद्रे ने खोला राज- कैंसर से जंग जीतने के बाद आखिर टीवी से क्यों हो गईं दूर
सोनाली ने कहा कि वह जीवन में ऐसे किरदार नहीं कर सकती जिसके साथ रोना-धोना जुड़ा हो। वह जिंदादिली से जुड़े किरदार ही करना चाहती हैं।
चंडीगढ़, [शंकर सिंह]। कैंसर, ये शब्द जब सुना था तो मुझे घबराहट नहीं हुई थी। ये वो दशा होती है, जब आप सन्न रह जाते हैं। क्योंकि आपने कभी सोचा नहीं होता कि एेसी बीमारी आपको हो सकती है। मुझे विश्वास था कि मैं इससे निकल जाउंगी। हालांकि अमेरिका में इलाज के दौरान, मुझे लगने लगा कि ये बहुत ही गंभीर बीमारी है, जिसकी वजह से कई लोग अपनी जान गवां बैठते हैं। मगर मेरे अंदर का विश्वास मुझे इससे बाहर लेकर आया। मगर फिर भी मैं मानती हूं कि कैंसर से निकलकर मैंने कोई हीरो वाला काम नहीं किया है। इस बीमारी से लाखों लोग ग्रस्त हैं, वो इससे लड़ रहे हैं। मैं चाहती हूं कि लोग इस बीमारी से बचें। जागरुकता ही इससे हमें बचा सकती है। एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे कुछ इन्हीं शब्दों में कैंसर की बीमारी से जूझने और निकलने के अनुभव साझा किए। वह सेक्टर-17 में फोरएवर मार्क के लॉन्च में पहुंची।
मैं ही क्यूं ये सवाल अब पूछती हूं...
सोनाली ने कहा कि जब उन्हें कैंसर हुआ तो उन्होंने किसी से कोई शिकायत नहीं की। वह इसे एक बीमारी के रूप में ही ले रही थी। बोली कि उस समय मेरा बेटा बहुत छोटा था। वो भी मेरी हिम्मत बना। आपका परिवार जब एक साथ हो, तो आप हर चीज से लड़ सकते हैं। जब बीमारी से वापिस लौटी तो मैंने ये शब्द कहे मैं ही क्यूं, कई लोग इस बीमारी से वापिस नहीं लौट पाते। मगर मुझे ये मौका मिला है तो मैं इस जीवन को खुशी से जीना चाहती हूं। मुझे कोई जल्दी नहीं है, मैं बस हर दिन को जी रही हूं।
ज्वेलरी हाउस की लॉन्चिंग के दौरान सोनाली ।
लोगों को समझाना चाहती हूं, मगर उनकी सोच से उलझना नहीं चाहती..
सोनाली ने हाल ही में गणेश विसर्जन के दौरान मुंबई के समुद्र में फैली गंदगी पर सवाल उठाए थे। उनके ट्वीट पर लोगों ने उन पर कटाक्ष भी किए। सोनाली ने कहा कि मेरा वो ट्वीट लोगों को ये बताने का था कि हम अपने आस पास कितनी गंदगी फैला रहे हैं। इसका किसी एक विशेष धर्म या त्योहार से कोई मतलब नहीं था। मगर लोग इसको दूसरी तरफ ले जाते हैं, तो उनसे मैं नहीं उलझती। मुझे लगता है कि एक जागरुक नागरिक की तरह हमें लोगों को आगाह करना चाहिए कि हम भविष्य में अपनी धरती का क्या करने जा रहे हैं।
पति ने दी थी पहली डायमंड की रिंग
सोनाली ने कहा कि उनके लिए डायमंड की रिंग बहुत स्पेशल है। उनके पति ने डायमंड की रिंग पहनाकर ही उन्हें प्रपोज किया। बोली कि मुझे ज्वेलरी का ज्यादा शौक नहीं। बस डायमंड ही पहनती हूं।
किताब लिख रही हूं मगर किस पर ये नहीं बताउंगी..
सोनाली ने कुछ वर्ष पहले पैरेंटिंग पर किताब लिखी, जिसे उन्होंने चंडीगढ़ में लॉन्च भी किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये शहर लक्की रहा है। यहां आना मुझे पसंद है, मगर किताब के विमोचन के बाद आज ही यहां पर आ पाई हूं। मैं दोबारा से कुछ लिख रही हूं, मगर क्या ये अभी नहीं बताउंगी। टीवी की बात करूं तो मैं रोने धोने वाले सीरियल नहीं कर सकती। मुझे कोई जिंदादिली से जुड़े किरदार ही निभाने हैं। हां इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज को जरूर मिस करती हूं। उम्मीद है उसमें जज के रूप में दोबारा वापसी करूं।रिपोर्ट शंकर सिंह।
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