ताकि लॉकडाउन में भी जीवित रहे मंच
लॉकडाउन की वजह से विभिन्न क्षेत्रों को आर्थिक नुकसान हुआ है।
शंकर सिंह, चंडीगढ़ : लॉकडाउन की वजह से विभिन्न क्षेत्रों को आर्थिक नुकसान हुआ है। इसमें रंगमंच भी शामिल है। जहां एक और हर दिन कलाकारों से गुलजार रहने वाला पंजाब कला भवन-16 इन दिनों सूना है, तो वहीं फ्रीलांस आर्टिस्ट के लिएअपनी आय जुटा पाना मुश्किल हो रहा है। इसी कोशिश में शहर के रंगकर्मी विजय मचल ने सभी कलाकारों से एक जुट होकर अकादमी और प्रशासन से मदद करने की गुहार लगाई है। जिससे फ्रीलांस आर्टिस्ट की आर्थिक मदद हो सके। कल्चरल पॉलिसी नहीं इसलिए ऐसा हुआ
रंगकर्मी विजय मचल ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिती पहली बार देखी है। जिसकीवजह से हर कलाकार घर में बैठने को मजबूर है। हमारे खुद कुछ शो कैंसिलहुए। इससे भारी नुकसान हुआ। लेकिन, ज्यादा नुकसान उन कलाकारों का है, जोफ्रीलांस काम करते हैं। चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी से फरियाद की है, कि वहइन कलाकारों के बारे में कुछ सोचें। इसके अलावा कोई कल्चरल पॉलिसी होती,तो इन कलाकारों के लिए ऐसी गुहार लगाने की जरूरत ही न होती। ग्रांट का सही इस्तेमाल होना चाहिए
रंगकर्मी राजीव मेहता ने कहा कि जून महीने में अकादमी द्वारा मिलने वालीग्रांट एक्सपायर हो जाएगी। लॉकडाउन की स्थिती को देखते हुए लगता नहीं किहम जून महीने तक कोई शो कर पाएंगे। ऐसे में अकादमी भी उस दौरान तक किसीको ग्रांट नहीं दे पाएगी। हम चाहते हैं कि ये ग्रांट उन कलाकारों कोमिले, जिनकी पूरी तरह से आय रंगमंच पर ही टिकी है। दे चुके थे थिएटर की बुकिग के पैसे
युवा रंगकर्मी अमित सनौरिया ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उनके दो शोकैंसिल हो गए। शो के लिए टैगोर थिएटर के रिहर्सल रूम की फीस और टैगोरथिएटर की बुकिग की थी। दोनों में करीबन 55 हजार रुपए लग गए थे। दोनों हीशो पेड थे, जिससे हमारी आय होनी थी। शो कैंसिल हुए तो हमारा नुकसान हुआ,ऐसे में कोई ऐसी पॉलिसी होनी चाहिए कि हमें कुछ रिफंड मिल सके। इसकेअलावा थिएटर ग्रुप के कलाकारों को तो राहत मिल जाएगी, लेकिन जो आर्टिस्टफ्रीलांस रहकर विभिन्न ग्रुप्स के लिए काम करते हैं, उनके लिए मुसीबत आजाएगी। अटकी पड़ी है ग्रांट
चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष कमल अरोड़ा ने कहा कि मैंने अपनेपूरे करियर में लॉकडाउन वाली स्थिती नहीं देखी। इसकी वजह से आप रिहर्सलसे लेकर शो कुछ भी नहीं कर सकते। कलाकारों का दर्द समझता हूं, लेकिन हमेंखुद इस वर्ष की ग्रांट नहीं मिली। कुछ ग्रांट मैंने अपने ही पैसे देकरचुकाई है। मेरा हमेशा कलाकारों से निवेदन रहता है कि वह अपनी रजिस्टर्डएसोसिएशन बनाए, ताकि उनकी बात आगे रखी जा सके। बिना एसोसिएशन के ये बातआगे पहुंचा पाना मुश्किल है।