चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग में इस साल अब तक 200 शिकायतें हुई खारिज, जानें क्या रही वजह
चंडीगढ़ उपभोक्ता आयोग में इस साल जनवरी से लेकर अब तक 200 शिकायतों को खारिज कर दिया गया है। वहीं इसी साल अभी तक करीब 700 शिकायतों पर सुनवाई कर फैसला सुनाया जा चुका है। अब जानने की बात यह कै कि 200 शिकायतें खारिज क्यों की गई हैं।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़। चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग में वैसे तो इस वर्ष अभी तक 700 के करीब शिकायतों का निपटारा किया है। इस बीच 200 शिकायतें ऐसे भी थीं जिन्हें खारिज कर दिया गया। इन शिकायतों को इसलिए खारिज किया गया क्योंकि इनसे जुड़े शिकायतकर्ताओं को शिकायत दर्ज करवाने संबंधी पूरी जानकारी ही नहीं थी।
ऐसे में अगर आप किसी बिल्डर, बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, शॉपिंग कंपनी या फिर मॉल या दुकान के खिलाफ उपभाेक्ता आयोग में शिकायत दे रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। इन बातों को ध्यान में रख कर ही उपभोक्ता आयोग में शिकायत देनी होगी। इनमें सबसे ज्यादा जरूरी है शिकायत के साथ ट्रांसलेशन कॉपी लगाना। अगर आप इंग्लिश को छोड़ कर किसी भी दूसरी क्षेत्रिय भाषा में शिकायत दे रहे हैं तो शिकायतकर्ता को उसके साथ इंग्लिश की ट्रांसलेशन कॉपी लगानी जरूरी है। अगर आपने क्षेत्रिय भाषाओं में दी शिकायत के साथ इंग्लिश की कॉपी नहीं लगाई होगी तो आपकी शिकायत खारिज हो जाएगी।
अदालतों की भाषा को लेकर देश में लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। देश की ज्यादातर कोर्ट का कामकाज अंग्रेजी में ही होता है और जब हिंदी या किसी और क्षेत्रीय भाषा में केस फाइल होता है तो उसको लेकर कोई न कोई नई बहस छिड़ जाती है। चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग में हाल ही में एक शिकायतकर्ता ने पंजाबी (गुरमुखी) में केस फाइल किया था। वह केस मंजूर नहीं हुआ, क्योंकि उसकी अंग्रेजी भाषा में ट्रांसलेशन नहीं की गई थी। हालांकि उसे मंजूर न करने के और भी कई कारण थे।
वहीं, शिकायकर्ता द्वारा आयोग में दी गई शिकायत भी आधी-अधूरी थी, जिस पर जज ने उसे दोबारा से केस फाइल करने को कहा है। इसके अलावा अगर शिकायत दे रहे हैं तो इस बात को भी ध्यान रखना होगा कि शिकायत में मामले से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए। अगर किसी इंश्योरेंस कंपनी या फिर इंश्योरेंस के क्लेम के लिए शिकायत दर्ज की गई है तो उसके साथ पूरे दस्तावेज लगे होने चाहिए। वहीं शिकायत पर शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर बहुत जरूरी हैं।