पंजाब ने कहा- हरियाणा व चंडीगढ़ से पेट्रोल की तस्करी, मिले एंट्री टैक्स का अधिकार
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि एंट्री टैक्स खत्म हो जाने से राज्य में हरियाणा और चंडीगढ़ से पेट्रोल-डीजल की तस्करी हो रही है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब ने कहा है कि राज्य में हरियाणा और चडीगढ़ से पेट्रोल व डीजल सहित कई वस्तुओं लाई जा रही हैं। इससे पंजाब को नुकसान हो रहा है। वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने जीएसटी से बाहर पेट्रोल समेत तमाम वस्तुओं पर एंट्री टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य हरियाणा और चंडीगढ़ से पंजाब में भारी मात्रा में इनकी तस्करी हो रही है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में एंट्री टैक्स को खत्म कर दिया गया है। ऐसे में पंजाब में पेट्रोल की भारी तस्करी हो रही है। जीएसटी लागू होने के बावजूद पंजाब का टैक्स कलेक्शन कम होता जा रहा है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा और चंडीगढ़ में ऐसा नहीं है। चंडीगढ़ में ही पेट्रोल का रेवेन्यू 16 फीसद सालाना की रफ्तार से बढ़ रहा है। साफ है कि पेट्रोल तस्करी हो रही है।
मनप्रीत जागरण से बातचीत में कहा कि शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि पेट्रोल अभी जीएसटी से बाहर है, इसलिए इस पर एंट्री टैक्स लगाने की राज्यों को अनुमति होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने से पंजाब को नुकसान हाे रहा है।
पंजाब पेट्रोल को जीएसटी में लाने के पक्ष में
वित्तमंत्री बादल ने पेट्रोल डीजल को जीएसटी में लाने की वकालत की। हालांकि, ज्यादातर राज्य ऐसा नहीं चाहते, लेकिन मनप्रीत बादल ने यह मांग करके एक बार फिर से बढ़ रही पेट्रोल की कीमतों का मुद्दा उठा दिया है। उन्होंने कहा, पंजाब इसके लिए तैयार है। गौरतलब है कि पंजाब में पेट्रोल की कीमत चंडीगढ़ और हरियाणा की कीमत से लगभग आठ रुपये प्रति लीटर ज्यादा है। मनप्रीत ने बताया कि कोई भी तेल का टैंकर चंडीगढ़ से लेकर पंजाब में बेच दे, कौन पूछने वाला है? यदि एंट्री टैक्स हो तो कम से कम इस तस्करी पर लगाम लगाई जा सकती है।
जीएसटी पर समझौता करने में फेल रहे अकाली
मनप्रीत बादल ने कहा कि जीएसटी पर टैक्सों को लेकर समझौते करने और फूडग्रेन के 31000 करोड़ रुपये के बिगड़े अकाउंट को कर्ज में बदलने की अकाली दल ने इतनी बड़ी गलतियां की हैं, जिसका खामियाजा पंजाब की आने वाली नस्लों को भुगतना पड़ेगा।
मनप्रीत ने बताया कि जीएसटी की टैक्स दरों में पिछली सरकार ने कोई बेहतर समझौता नहीं किया। हमारी कुल कलेक्शन का 40 फीसद जीएसटी में मर्ज हो गई, जबकि केंद्र सरकार हमें मात्र 5 साल तक ही गैप फंडिंग और 2015-16 की टैक्स कलेक्शन के आधार पर 14 फीसद वृद्धि देगी।
उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि 2023 में पंजाब की हालत क्या होगी? 2015 -16 में केंद्र सरकार ने 15856 करोड़ रुपये की वैट कलेक्शन को आधार माना और उसके ऊपर हर साल 14 फीसद वृद्धि दी जा रही है। 2022 तक टैक्स कलेक्शन 32 हजार करोड़ होने का अनुमान है।
केंद्र के व्यवहार से लगता है कि पंजाब को खेती छोड़ भीख मांगना शुरू कर देनी चाहिए
मनप्रीत बादल ने 31 हजार करोड़ के फूड अकाउंट को सेटल करने से भी खासे नाराज दिखे। उन्होंने कहा, 31 हजार करोड़ रुपये का कर्ज इन्होंने फूडग्रेन के बिगड़े हुए अकाउंट का स्टेट पर डाल दिया। मैंने तो केंद्र के खाद्य सचिव से साफ तौर पर कह दिया है कि जिस तरह का आपका व्यवहार है, उसे देखते हुए पंजाब के लोगों को खेती छोड़ कर भीख मांगना शुरू कर देना चाहिए।
मनप्रीत ने कहा, बैंकों ने 18 से 20 फीसदी तक पीनल इंटरेस्ट (दंड ब्याज) लगाया हुआ है। 12 हजार करोड़ का कुल मामला है और उस पर 18 हजार करोड़ रुपये ब्याज लगाया गया है। पंजाब हर साल इसकी 3200 करोड़ रुपये की किश्त अदा कर रहा है और ऐसा 20 साल करनी है। साफ है कि हमें 64 हजार करोड़ रुपये अदा करने होंगे।
उन्हाेंने कहा कि यही नहीं, हर साल फूडग्रेंस को खरीदने में 1500 करोड़ रुपये का अलग से नुकसान हो रहा है, जबकि छह हजार करोड़ की ट्यूबवेलों को हम सब्सिडी दे रहे हैं। यह सब किस लिए, ताकि देश की फूड सिक्योरिटी को कोई खतरा न पैदा हो। अब तो मुझे लगता है कि पंजाब के साथ केंद्र सरकार जानबूझकर ऐसा कर रहा है। पहले, पानी दूसरे राज्यों को दे दिया। फिर पड़ोसी पहाड़ी राज्यों को टैक्स रियायतें दे दीं और अब फूड सेक्टर में हमारी बाजू मरोड़कर पैसा लूटा जा रहा है।