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रिव्यू मीटिंग में नगर निगम कमिश्नर ने उठाई मांग, Smart city का प्लान किया जाए रिवाइज Chandigarh News

दिल्ली में मंगलवार को स्मार्ट सिटी की रिव्यू मीटिंग में चंडीगढ़ के नगर निगम कमिश्नर एवं स्मार्ट सिटी के सीईओ केके यादव ने भाग लिया।

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 10:14 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 02:19 PM (IST)
रिव्यू मीटिंग में  नगर निगम कमिश्नर ने उठाई मांग, Smart city का प्लान किया जाए रिवाइज Chandigarh News
रिव्यू मीटिंग में नगर निगम कमिश्नर ने उठाई मांग, Smart city का प्लान किया जाए रिवाइज Chandigarh News

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। दिल्ली में मंगलवार को स्मार्ट सिटी की रिव्यू मीटिंग में चंडीगढ़ के नगर निगम कमिश्नर एवं स्मार्ट सिटी के सीईओ केके यादव ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने की। कमिश्नर केके यादव ने कहा कि उनके चंडीगढ़ की स्मार्ट सिटी का प्लान जल्द से जल्द रिव्यू किया जाए क्योंकि सेक्टर-43 में जहां पर स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट्स बनने थे वह जमीन वन विभाग देने के लिए तैयार नहीं है।

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सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा मंत्रालय की इंटर्नल कमेटी रिवाइज प्लान को रिव्यू कर रही है, जल्द ही इसका निष्कर्ष चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी को दे दिया जाएगा। कमिश्नर केके यादव का दावा है कि रिव्यू मीटिंग में चंडीगढ़ द्वारा किए जा रहे कामों की तारीफ भी हुई है।

चंडीगढ़ ओवरऑल पिछड़ रहा 

इस बैठक में कमिश्नर की ओर से बताया गया कि सेक्टर-43 में प्रोजेक्ट शुरू न होने के कारण ही ओवरऑल स्मार्ट सिटी के प्रदर्शन में पिछड़ रहा है लेकिन बाकी के प्रोजेक्ट्स में तेजी से काम हो रहा है। इसलिए पिछले माह स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी ने केंद्र सरकार के हाउसिंग और शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि उनके स्मार्ट सिटी प्लान को रिवाइज किया जाए ताकि वह भी अन्य शहरों की तरह अपना बेहतर प्रदर्शन कर सके।

देश के 20 शहरों को बनाया जाना है स्मार्ट

केंद्र सरकार ने देश के टॉप 20 स्मार्ट सिटी को सबसे पिछले 20 स्मार्ट शहरों को स्मार्ट बनने में मदद करने का फार्मूला बनाया है, जिसमें चंडीगढ़ को अहमदाबाद के साथ जोड़ा गया है। इसमें अहमदाबाद सिस्टर सिटी के तौर पर चंडीगढ़ को मदद करेगा ताकि जल्द चंडीगढ़ भी स्मार्ट बन सके। ऐसे में टारगेट के अनुसार सेक्टर-43 में कोई प्रोजेक्ट शुरू न होने के कारण ही इस साल स्मार्ट सिटी रैंकिंग में चंडीगढ़ का 81वें नंबर पर आया है। चंडीगढ़ का स्मार्ट सिटी में नाम मई 2016 में आया था।

वन विभाग ने 70 एकड़ देने से किया था मना

प्लान के अनुसार जो उनके सेक्टर-43 में 4933 करोड़ रुपये के प्रस्तावित प्रोजेक्ट बनने थे। वन विभाग ने इन प्रोजेक्ट्स के लिए 70 एकड़ जमीन देने के लिए मना कर दिया है। जहां पर कामर्शियल हब बनना था। इसलिए अब यहां पर बनने वाले प्रोजेक्ट्स स्क्रैप कर दिए गए हैं। पिछले साढ़े तीन साल से इन प्रोजेक्ट्स पर काम नहीं शुरू हो पाया। साल 2016 में स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद इसके लिए 6500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का प्लान तैयार किया गया था। अधिकारियों के अनुसार 6500 करोड़ से कम होकर प्रोजेक्ट्स 2300 करोड़ रुपये के रह जाएंगे।

अब सेक्टर-43 में यह नहीं बनेगा

सेक्टर-43 में स्मार्ट सिटी के तहत बिजनेस इंवायरनमेंट किएट करने के लिए एग्जीबिशन सेंटर, कन्वेंशन सेंटर, आर्ट गैलरी, इंटरटेनमेंट सेंटर, होटल, ऑफिस स्पेस, हॉस्टल फैसिलिटीज, आइकोनिक एरिया, अफोर्डेबल हाउसेस बनाए जाने थे। लेकिन अब इनका निर्माण नहीं हो पाएगा। प्रशासन ने 20 साल पहले सेक्टर-43 में 70 एकड़ जमीन फॉरेस्ट के हवाले कर दी थी, ताकि इस पर झुग्गी वालों का कब्जा न हो। 


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