किसान आंदोलन से लॉकडाउन जैसी स्थिति, चंडीगढ़-अंबाला रेलमार्ग बंद, नहीं गई कोई ट्रेन
पंजाब में किसान आंदोलन से रेलवे में लॉकडाउन जैसी स्थिति पैदा हो गई है। चंडीगढ़ रेलवे ट्रैक पर किसान धरने पर बैठे हैं। इसके कारण ट्रेनों की आवाजाही ठप है। आज भी कोई ट्रेन न चंडीगढ़ से गई और न आई।
जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों केे धरने के कारण शुक्रवार को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से कोई भी ट्रेन नहीं गई। दरअसल चंडीगढ़- अंबाला रेलमार्ग पर लालडू रेलवे स्टेशन के नजदीक किसान रेल ट्रैक पर धरना दे रहे हैं। इसी वजह से रेलवे ने किसानों के गुस्से और यात्रियों सुरक्षा को ध्यान रखते हुए इस रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी हैं।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से कोई भी स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई गई है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने ऊना- दिल्ली -जनशताब्दी के रूट को डायवर्ट कर ऊना -चंडीगढ़ -दिल्ली कर दिया था। पंजाब में कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को देखते हुए पहले इस ट्रेन को 29 सितंबर से चंडीगढ़ -दिल्ली के बीच में चलाया जा रहा था, लेकिन अब लालडू में किसान धरने को देखते हुए, इस ट्रेन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इसके अलावा बांद्रा -अमृतसर- बांद्रा एक्सप्रेस को अनिश्चित समय के लिए रेलवे ने रद कर दिया है।
चंडीगढ़ रेलवे के स्टेशन अधीक्षक अनिल अग्रवाल ने बताया कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से मौजूदा समय में दो स्पेशल ट्रेनें चल रही थी, यह दोनों ट्रेनें किसान आंदोलन को देखते हुए अनिश्चित समय के लिए रद कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं, इस रूट पर ट्रेन यातायात बहाल नहीं किया जाएगा।
फेस्टिवल सीजन में यात्रियों को होगी परेशानी
कांग्रेसी नेता शशिशंकर तिवारी ने कहा कि फेस्टिवल सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में हम चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से यूपी-बिहार के लिए स्पेशल ट्रेनें शुरू करने की मांग कर रहे हैं। पहले जहां यूपी, बिहार को पांच-छह ट्रेनें चलने के बावजूद फेस्टिवल सीजन में दो से तीन अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती थी, लेकिन इस बार चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से एक भी ट्रेन नहीं हैं और न ही रेलवे की तरफ से कोई स्पेशल ट्रेन चलाई गई है। ऐसे में इन राज्यों को जाने वाले लोगों को खासी दिक्कत हो रही है, इसलिए रेलवे को चाहिए कि वह लोगों की परेशानी को समझते हुए जल्द इस रूट पर दो से तीन स्पेशल ट्रेनें चलाए।