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बहिबल गोलीकांड में पंजाब के DGP सुमेध सैणी पर भी SIT कस सकती है शिकंजा

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और इसके बाद हुए बहिबलकलां (फरीदकोट) गोलीकांड की जांच कर रही SIT पंजाब के डीजीपी से भी पूछताछ कर सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 01:56 PM (IST)
बहिबल गोलीकांड में पंजाब के DGP सुमेध सैणी पर भी SIT कस सकती है शिकंजा
बहिबल गोलीकांड में पंजाब के DGP सुमेध सैणी पर भी SIT कस सकती है शिकंजा

जेएनएन, चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और इसके बाद हुए बहिबलकलां (फरीदकोट) गोलीकांड की जांच कर रही SIT मोगा के पूर्व SSP चरणजीत शर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। शर्मा की गिरफ्तारी के बाद सियासी हलकों में चर्चा छिड़ी है कि क्या SIT गोलीकांड के समय DGP रहे सुमेध सिंह सैणी को भी शिकंजे में लेगी। ज्यादातर अफसरों, राजनेताओं आदि का मानना है कि सैणी भी घेरे में आएंगे, क्योंकि यह जगजाहिर है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व DGP सुमेध सैणी के संबंध कभी भी अच्छे नहीं रहे हैैं। दोनों के बीच कई मुद्दों पर तो टकराव जैसी स्थिति भी आ चुकी है।

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साल 2002 में फरीदकोट के श्रुति अपहरण कांड को लेकर DGP रहते हुए सैणी ने कहा था कि इस मामले में कांग्रेसियों ने साक्ष्यों को खराब कर दिया। तब कैप्टन पंजाब कांग्रेस के प्रधान थे और उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया था। चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस करके कैप्टन ने सैणी को अपनी वर्दी का सम्मान करने की सलाह देते हुए कहा था कि वह अकाली नेताओं की तरह व्यवहार न करें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

कैप्टन ने सैणी से पूछा था कि क्या यह एक अपहरण का मामला नहीं था? क्या एक लड़की को बंदूक के बल पर घर से अगवा नहीं किया गया? और ऐसा करते समय लड़की के अभिभावकों को गुंडों ने नहीं पीटा? उन्होंने DGP को नसीहत दी थी कि वह कांग्रेस पर आरोप लगाने के बजाय परिवार और पड़ोसियों से मिलें जो आतंकित हैं। पंजाब के इतिहास में ऐसी पहली घटना है कि घर से बंदूक के बल पर लड़की का अपहरण किया गया हो।

अगर श्रुति अपहरण मामले को छोड़ भी दिया जाए तो लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले को लेकर भी कैप्टन और सैणी के बीच टकराव वाली स्थिति बनी हुई है। पूर्व की कैप्टन सरकार के कार्यकाल में हुए सिटी सेंटर घोटाले मेें विजिलेंस ने क्लोजर रिपोर्ट दे दी है, लेकिन पूर्व DGP सैणी को यह रिपोर्ट रास नहीं आई। उन्होंने लुधियाना कोर्ट में याचिका दायर करके कहा कि उनके पास इस मामले से जुड़े अहम दस्तावेज हैं, इसलिए केस बंद करने से पहले उनका पक्ष सुना जाए।

सैणी विजिलेंस के डायरेक्टर रह चुके हैं और इस मामले को इन्वेस्टीगेट कर चुके हैं, इसलिए उन्होंने कोर्ट में यह याचिका दायर करके कैप्टन की मुश्किलें बढ़ा दी हैैं। हालांकि इस याचिका पर पंजाब सरकार ने कहा है कि सैणी रिटायर हो चुके हैं और विजिलेंस ने उनकी सहमति से ही क्लोजर रिपोर्ट फाइल की थी, इसलिए अपील को रद किया जाए। कैप्टन और सैणी के बीच जिस तरह से जंग चलती आ रही है उससे साफ है कि बरगाड़ी कांड में SIT उन तक भी पहुंचेगी।

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