मेजर सरताज सिंह ने कही दिल की बात, भारत हमारी जन्मभूमि और ब्रिटेन हमारी कर्मभूमि
मेजर सरताज सिंह का कहना है कि यूनिफॉर्म बेशक ब्रिटेन आर्मी की है, मगर पगड़ी पंजाब की ही है। ऐसे ही भारत हमारी जन्म भूमि है, मगर ब्रिटेन हमारी कर्म भूमि है।
जेएनएन, चंडीगढ़। यूनिफॉर्म बेशक ब्रिटेन आर्मी की है, मगर पगड़ी पंजाब की ही है। ऐसे ही भारत हमारी जन्म भूमि है, मगर ब्रिटेन हमारी कर्म भूमि है। मेजर सरताज सिंह कुछ इन्हीं शब्दों में अपने अंदर की पंजाबियत पर बात करते हैं। शुक्रवार को वह मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन हिस्सा लेने पहुंचे। ब्रिटिश आर्मी में मेजर के रूप में तैनात सरताज 1980 में दो वर्ष की आयु में ब्रिटेन में बस गए। बोले कि वहां रहते हुए पढ़ाई की तो आर्मी से जुड़ने का जज्बा तो एक पंजाबी होने के नाते अंदर आ ही जाता है। मेरे पिता भी वहां सिक्योरिटी से जुड़े हैं। ऐसे में मैंने ब्रिटिश आर्मी से जुड़ने की सोची। हमारा घर अमृतसर के करीब है, हालांकि परिवार लंबे समय से ब्रिटेन में ही बस गया है। आज यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है, अपने लोगों के बीच और भारतीय आर्मी के कई लोगों से मिलना हुआ तो ये काफी मजेदार रहा।
ब्रिटेन में रहते हुए भी आती है पूरी पंजाबी
कैप्टन जेएस सोहल ने कहा कि वह पले बढ़े ब्रिटने में ही है। मगर उनका दिल पूरा पंजाबी है। चंडीगढ़ में आकर तो पहली बार कुछ खाने-पीने को मिला, आर्मी में रहते हुए खाने पीने का ध्यान रखना होता है, मगर यहां आकर बहुत कुछ खाने का तो मन ही ही गया। मैंने 10 वर्ष पहले ब्रिटिश आर्मी जॉइन की थी, पूरा परिवार इससे खुश है। दरअसल, ब्रिटने में आर्मी से जुड़ना काफी मुश्किल हो जाता है, मगर फिर भी कड़ी मेहनत के बाद मुझे ये मौका मिला, लेकिन एक चीज जो मैं आज तक याद रखे हुआ हूं कि मैं पंजाबी को कभी भूल नहीं सकता, यहां आकर खुल के पंजाबी बोल रहा हूं, ये मजा अलग है।